Vehicle Ownership Transfer Online 2025: Eligibility, Documents List, Transfer Fees, NOC, Form & Status

हमारी वेबसाइट MPRTO / MP RTO में आपका स्वागत है। Vehicle Ownership Transfer Online का मतलब है किसी वाहन (कार/बाइक) के कानूनी मालिकाना हक को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर करना। आमतौर पर यह प्रक्रिया तीन स्थितियों में की जाती है जब आप वाहन को बेचते हैं, जब वाहन नीलाम होती है, या वाहन मालिक की मृत्यु होने पर​।

भारत में vehicle ownership transfer कानूनी रूप से अनिवार्य है और इसे निर्धारित समय सीमा में पूरा करना जरूरी होता है (उदाहरण के लिए, बिक्री के 30 दिन के भीतर) ताकि पुराने मालिक को भविष्य की जिम्मेदारियों से मुक्त किया जा सके​। आजकल अधिकांश राज्यों में यह प्रक्रिया ऑनलाइन उपलब्ध है, जिसे हम इस गाइड में विस्तार से समझेंगे।

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When & Why Transfer Ownership?

  • वाहन बिक्री (Resale): यदि आप अपनी कार या बाइक बेच रहे हैं, तो आपको vehicle ownership transfer नए ख़रीदार के नाम कराना आवश्यक है। इससे RTO के रिकॉर्ड में नए मालिक का नाम दर्ज हो जाता है और भविष्य में वाहन से जुड़ी कानूनी जिम्मेदारियाँ सही व्यक्ति पर रहती हैं​। बिक्री के बाद पुराने मालिक को किसी चालान या दुर्घटना की जिम्मेदारी से बचने के लिए यह ट्रांसफर तुरंत कराना चाहिए।

  • दूसरे राज्य में ले जाना: अगर वाहन को एक राज्य से दूसरे राज्य ट्रांसफर कर रहे हैं (पंजीकरण बदलना), तो पुराने राज्य से NOC लेना और नए राज्य में स्वामित्व स्थानांतरण कराना ज़रूरी है। बिना स्वामित्व ट्रांसफर के नए राज्य में गाड़ी चलाना कानूनी रूप से गलत होगा और आपको रोड टैक्स भी नए राज्य में जमा करना पड़ता है​।

  • वाहन नीलामी (Auction): अगर किसी कारण से वाहन की नीलामी होती है (जैसे बैंक द्वारा जब्ती के बाद नीलाम), तो जिसने नीलामी में वाहन ख़रीदा है उसे vehicle ownership transfer अपने नाम करवाना होता है​। नीलामी में बिक्री के बाद 30 दिन के भीतर ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए​।

  • मालिक की मृत्यु: यदि वाहन मालिक का देहांत हो जाता है, तो वाहन का स्वामित्व कानूनी उत्तराधिकारी (heir) को ट्रांसफर करना पड़ता है​। उत्तराधिकारी को 3 महीने के भीतर अपने नाम स्थानांतरण के लिए आवेदन करना चाहिए​। इसके लिए मृत्यु प्रमाणपत्र और उत्तराधिकारी से जुड़े दस्तावेज़ जमा करने होते हैं।

ऊपर बताई हर स्थिति में वाहन का RC Transfer (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में नाम परिवर्तन) कराना कानूनन ज़रूरी है। समय पर हस्तांतरण नहीं कराने पर पुराने मालिक के नाम पर वाहन जुड़ा रहने से उन्हें चालान, दुर्घटना या टैक्स संबंधी दिक्कतें झेलनी पड़ सकती हैं​।

Online Vehicle Ownership Transfer Process Step By Step Guide

आजकल आप ऑनलाइन माध्यम से वाहन का स्वामित्व परिवर्तन (RC ट्रांसफर) आसानी से शुरू कर सकते हैं। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय का Parivahan पोर्टल (VAHAN) इस सुविधा को प्रदान करता है​। नीचे ऑनलाइन vehicle ownership transfer online करने के स्टेप-बाय-स्टेप निर्देश दिए गए हैं:

  • ज़रूरी तैयारी करें: सबसे पहले वाहन ट्रांसफर के लिए आवश्यक सभी दस्तावेज़ (जैसे RC, बीमा, PUC, आईडी प्रूफ, फ़ॉर्म आदि) तैयार करें और उनकी स्कैन्ड कॉपी अपने कंप्यूटर/मोबाइल में रख लें।

  • परिवहन पोर्टल पर जाएँ: Parivahan Sewa की वेबसाइट खोलें। वहाँ Online Services मेन्यू पर क्लिक करके Vehicle Related Services विकल्प चुनें​।

  • राज्य और RTO चुनें: पोर्टल पर राज्य का चयन करें जहां का RTO ट्रांसफर प्रोसेस को संभालेगा (जैसे महाराष्ट्र के लिए Maharashtra चुनें)​। फिर अपना वाहन पंजीकरण नंबर दर्ज करें, या RTO चयन के बाद Proceed पर क्लिक करें।

  • वाहन विवरण सत्यापित करें: अगली स्क्रीन पर वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर भरना होगा और चेसिस (चेसिस नंबर के आखिरी 5 अंक) भरकर वेरिफाई करना होगा। पंजीकृत मोबाइल नंबर पर OTP आएगा, जिसे दर्ज करने पर आपके वाहन के विवरण स्क्रीन पर दिखने लगेंगे​।

  • ट्रांसफर आवेदन प्रारंभ करें: दिखाए गए विकल्पों में Transfer of Ownership (मालिकाना हस्तांतरण) चुनें​। सबसे पहले Transfer of Ownership by Seller पर क्लिक करें (यदि पोर्टल पर यह चरण दिखे)। यहां वाहन संख्या और चेसिस संख्या भरकर विक्रेता के OTP से पुष्टि करें। फिर बायर (खरीदार) के विवरण भरें और Save करें। इससे एक Application Number (आवेदन संख्या) जेनरेट होगी​। इसे नोट कर लें।

  • खरीदार पक्ष से पुष्टि: मेन्यू में अब Transfer of Ownership by Buyer या Apply as Buyer का विकल्प चुनें। यहां पहले से प्राप्त Application Number भरकर नए मालिक से संबंधित बाकी जानकारी फ़ॉर्म में भरें और विवरण सत्यापित करें​।

  • शुल्क भुगतान करें: ऑनलाइन vehicle ownership transfer online fees का भुगतान पोर्टल पर करें​। फीस भुगतान करते ही रसीद जनरेट हो जाएगी। इस रसीद को डाउनलोड या प्रिंट कर लें। (आम तौर पर ऑनलाइन पेमेंट डेबिट/क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, UPI आदि से किया जा सकता है।)

  • दस्तावेज़ अपलोड करें: भुगतान के बाद उसी पोर्टल पर Upload Documents या दस्तावेज़ अपलोड सेक्शन में जाएँ​। सभी आवश्यक दस्तावेज़ों और फॉर्म्स (जैसे साइन किए हुए Form 29, Form 30, बीमा, पता प्रमाण आदि) की स्कैन्ड कॉपियाँ अपलोड करें। सारे दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद Proceed या सबमिट पर क्लिक करें।

  • आवेदन सबमिट और प्रिंट करें: ऑनलाइन फॉर्म पूरा भरने व दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद Final Submit करें। पुष्टि स्वरूप एक आवेदन रसीद या Acknowledgement जेनरेट होगी​। इसे भविष्य के संदर्भ के लिए सहेज लें या प्रिंट कर लें।

  • डॉक्यूमेंट verification (ऑफ़लाइन चरण): ऑनलाइन आवेदन के बाद, आपको भौतिक दस्तावेज़ RTO को जमा करने की आवश्यकता हो सकती है। पोर्टल से जनरेट हुए Form 29 और Form 30 को विक्रेता एवं खरीदार दोनों के हस्ताक्षर के साथ मूल RC, बीमा, PUC आदि की कॉपी लगाकर संबंधित RTO कार्यालय में जमा करें या पोस्ट द्वारा भेजें। कुछ राज्यों में यह स्टेप अनिवार्य है ताकि RTO आपके ओरिजिनल डॉक्यूमेंट्स को सत्यापित कर सके।

  • आरटीओ सत्यापन एवं नया RC: RTO अधिकारी आपके आवेदन और दस्तावेज़ों की जाँच करेंगे। सबकुछ सही रहने पर वाहन का रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र नए मालिक के नाम पर ट्रांसफर हो जाएगा। फिर नया RC स्मार्ट कार्ड/पृष्ठ तैयार होकर आपके पते पर डाक से भेज दिया जाएगा​। पूरी प्रक्रिया आमतौर पर 15-30 दिनों में पूरी हो जाती है​ (राज्य के अनुसार समय अलग हो सकता है)। अगर किसी दस्तावेज़ में कमी या त्रुटि पाई जाती है तो RTO द्वारा खरीदार/विक्रेता को बुलाकर स्पष्टीकरण या अतिरिक्त दस्तावेज़ मांगे जा सकते हैं​।

नोट: ऑनलाइन आवेदन के बावजूद, सुनिश्चित करें कि सभी फॉर्म सही से भरे गए हैं और जरूरत होने पर उनके प्रिंटआउट पर双方 के साइन मौजूद हैं। साथ ही, गाड़ी पर अगर कोई चलान बकाया है तो उसे RC Transfer से पहले भर दें ताकि NOC मिलने में दिक्कत न हो​।

Documents & Forms Required for Transfer

वाहन के स्वामित्व परिवर्तन के लिए निम्न दस्तावेज़ और आरटीओ फॉर्म जमा करने होते हैं:

  • मूल पंजीकरण प्रमाणपत्र (RC): वाहन का ओरिजिनल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट या स्मार्ट कार्ड​।

  • बीमा प्रमाणपत्र: वाहन का वैध इंश्योरेंस सर्टिफिकेट​।

  • PUC प्रमाणपत्र: प्रदूषण नियंत्रण (Pollution Under Control) प्रमाणपत्र​।

  • पहचान व पता प्रमाण: नए मालिक का एड्रेस प्रूफ़ और फोटो आईडी (जैसे आधार कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी, बिजली बिल आदि)​।

  • PAN कार्ड की प्रति: विक्रेता और क्रेता दोनों का पैन कार्ड। यदि वाहन मूल्य ₹50,000 से कम है तो PAN ज़रूरी नहीं; उस स्थिति में Form 60 जमा किया जा सकता है।

  • दो पासपोर्ट आकार के फोटो: नए मालिक की पासपोर्ट साइज तस्वीरें (कुछ RTO में आवश्यक)।

  • चेसिस प्रिंट: चेसिस और इंजन नंबर का पेंसिल प्रिंट (कागज़ पर उतारा गया) – कई RTO यह मांगते हैं​।

  • टैक्स भुगतान प्रमाण: सभी रोड टैक्स आदि के क्लियर होने का प्रमाण (विशेषकर कमर्शियल वाहन या अंतर-राज्यीय केस में)​।

ज़रूरी RTO फॉर्म्स: वाहन हस्तांतरण प्रक्रिया के दौरान कुछ निर्धारित फॉर्म भरने होते हैं। ये फॉर्म आप Parivahan की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं या आरटीओ से ले सकते हैं:

  • Form 29: वाहन के विक्रेता द्वारा स्वामित्व अंतरण की सूचना के लिए फॉर्म। इसमें पुराने मालिक द्वारा घोषणा की जाती है कि वाहन बेच दिया गया है​। सामान्य बिक्री के मामले में 2 प्रतियों में Form 29 भरना होता है।

  • Form 30: वाहन खरीदार द्वारा स्वामित्व अपने नाम स्थानांतरित कराने के लिए आवेदन​। विक्रेता से वाहन हस्तांतरित होने की रिपोर्ट इस फॉर्म से RTO को दी जाती है। इसे भी 2 प्रतियों में भरना होता है।

  • Form 28 (NOC): नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट के लिए फॉर्म। यदि वाहन दूसरे राज्य या RTO क्षेत्र में ट्रांसफर हो रही है तो पुराने RTO से NOC लेने के लिए Form 28 भरना पड़ता है​। NOC का मतलब है पुराने RTO को कोई आपत्ति नहीं है और वाहन पर कोई बकाया या कानूनी प्रतिबंध नहीं है​।

  • Form 31: वाहन मालिक की मृत्यु की स्थिति में उत्तराधिकारी के नाम पर स्वामित्व ट्रांसफर के लिए आवेदन फॉर्म​। इसे वाहन का वैध उत्तराधिकारी भरता है। साथ में मृत्यु प्रमाणपत्र, उत्तराधिकारी का संबंध प्रमाण आदि लगाने होते हैं।

  • Form 32: सार्वजनिक नीलामी में खरीदे गए वाहन के स्वामित्व परिवर्तन हेतु फॉर्म​। अगर आपने किसी नीलामी में वाहन खरीदा है तो यह फ़ॉर्म भरें और नीलामी प्राधिकारी से मिला बिक्री प्रमाणपत्र (Auction Sale Certificate) संलग्न करें।

  • Form 35: यदि वाहन किसी बैंक/फाइनेंसर के पास हाइपोथिकेटेड (लोन पर गिरवी) था, तो ऋण समाप्ति पर फाइनेंसर द्वारा जारी एनओसी के साथ Form 35 (हाइपोथेकेशन समाप्ति का नोटिस) जमा करना पड़ता है​। इससे आरटीओ रिकॉर्ड में से वाहन के लोन/लीज़ का एंट्री हट जाता है।

उपरोक्त फॉर्म में से Form 29 व Form 30 प्रत्येक Transfer केस में अनिवार्य हैं। Form 28 केवल तब जरूरी है जब अंतर-राज्यीय ट्रांसफर हो। Form 31 या 32 विशेष परिस्थितियों (मृत्यु या नीलामी) में उपयोग होते हैं, और Form 35 तभी लगेगा जब RC पर बैंक का नाम दर्ज हो। सभी फॉर्म में उल्लेखित विवरण सही-सही भरें और जहां आवश्यक हो पुराने व नए मालिक के हस्ताक्षर करवाएँ।

Special Rules For Transfer of Ownership 

हर परिस्थिति में आधारभूत दस्तावेज़ व प्रक्रिया लगभग समान रहती है, लेकिन कुछ विशेष मामलों में अतिरिक्त कदम या दस्तावेज़ की जरूरत होती है:

1. Normal Sale Transfer

यदि आप किसी तीसरे पक्ष को वाहन बेच रहे हैं, तो यह सबसे आम vehicle ownership transfer का केस है। ऐसे में विक्रेता और क्रेता दोनों को मिलकर RC ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी करनी होती है। ध्यान रखने योग्य बातें:

  • समय सीमा: वाहन बिकने के बाद 14 दिन के भीतर उसी राज्य में ट्रांसफर के लिए आवेदन करना चाहिए​। यदि वाहन दूसरे राज्य को बेचा गया है, तो 45 दिन के भीतर आवेदन करना ज़रूरी है​। देरी होने पर जुर्माना लग सकता है या अतिरिक्त शुल्क भरना पड़ सकता है।

  • फॉर्म व दस्तावेज़: ऊपर बताए Form 29 व Form 30 को भरकर, RC, बीमा, PUC आदि के साथ RTO में सबमिट करें। दोनों फॉर्म पर पुराने और नए मालिक के साइन हों। नए मालिक को अपने पता/पहचान प्रमाण और फोटो भी देने होते हैं​। यदि बिक्री राज्य के भीतर ही है, तो NOC की ज़रूरत नहीं; यदि राज्य के बाहर है तो NOC (Form 28) अनिवार्य होगी​।

  • NOC या CC प्राप्त करें: अंतर-राज्यीय बिक्री पर, पुराने RTO से NOC लेना पहला कदम है। NOC मिलने पर ही नए राज्य में रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर होगा। NOC पाने के लिए पुराने RTO में आवेदन दें और सुनिश्चित करें कि वाहन से संबन्धित सभी चालान, टैक्स आदि जमा हैं​। NOC मिलना मुश्किल हो तो पुराने RTO से एक Clearance Certificate (CC) लेना पड़ता है या NOC के लिए आवेदन की रसीद के साथ घोषणा देनी होती है​।

  • ट्रांसफर पूरा करें: ऑनलाइन प्रक्रिया या RTO जाकर आवेदन सबमिट करें और फीस भरें। RTO जांच के बाद नया RC जारी करेगा जो नए मालिक के नाम पर होगा। यह ट्रांसफर पूरा होने के बाद ही वाहन वास्तव में खरीदार के नाम कानूनी रूप से हो जाता है, इसलिए इसे जल्द से जल्द कराना चाहिए।

2. Transfer on Owner’s Death

वाहन के पंजीकृत मालिक की मृत्यु की स्थिति में, वाहन का स्वामित्व उसके कानूनी उत्तराधिकारी को स्थानांतरित किया जाता है। इसके लिए जो व्यक्ति वाहन का उत्तराधिकारी है, उसे आवेदन करना होगा:

  • समय सीमा: मालिक की मृत्यु के बाद, जो उत्तराधिकारी वाहन अपने पास लेता है, वह तीन महीने के भीतर अपने नाम ट्रांसफर के लिए आवेदन करे​। पहले 30 दिनों के भीतर RTO को मालिक की मृत्यु की सूचना दे देनी चाहिए और बताना चाहिए कि वाहन फिलहाल वह इस्तेमाल कर रहा है​।

  • ज़रूरी दस्तावेज़: ऊपर बताए सामान्य दस्तावेज़ों के साथ मृत्यु प्रमाणपत्र की प्रमाणित प्रति जमा करनी होगी। साथ ही, आवेदक को अपना और दिवंगत मालिक का संबंध साबित करने वाला दस्तावेज़ (जैसे उत्तराधिकार प्रमाणपत्र, पारिवारिक जा. पत्र आदि) लगाना होगा। सभी कानूनी उत्तराधिकारियों का सहमति पत्र/एनओसी भी संलग्न करें जिसमें वे घोषणा करें कि उन्हें वाहन के ट्रांसफर से आपत्ति नहीं है।

  • फ़ॉर्म: इस केस में Form 31 भरना पड़ता है​। Form 31 के साथ RC, बीमा, PUC, पता प्रूफ, खरीदार (उत्तराधिकारी) का PAN/Form 60, एक पहचान प्रमाण, जन्म तिथि प्रमाण आदि लगते हैं​। सभी कानूनी उत्तराधिकारियों के हस्ताक्षरयुक्त घोषणा पत्र तथा विक्रेता (दिवंगत के प्रतिनिधि) की सिग्नेचर आई.डी. प्रूफ भी देना होता है​।

  • प्रक्रिया: इन दस्तावेज़ों के साथ RTO में आवेदन करें (ऑनलाइन माध्यम से भी आवेदन भरकर दस्तावेज़ जमा कर सकते हैं)। RTO मृत्यु की पुष्टि और उत्तराधिकारी के दावे की जांच करेगा। यदि सब ठीक है, तो वाहन नए मालिक (उत्तराधिकारी) के नाम रजिस्टर हो जाएगा। ध्यान दें कि अगर मूल मालिक ने जीवनकाल में वाहन के लिए कोई नॉमिनी नामित किया था, तो प्रक्रिया और भी आसान हो सकती है (नॉमिनी सीधे उत्तराधिकारी माना जाता है, हालाँकि यह प्रावधान हाल में लागू हुआ है और सभी RC पर उपलब्ध हो ऐसा ज़रूरी नहीं)।

3. Transfer of Auctioned Vehicle

अगर आपने किसी नीलामी में (जैसे बैंक/सरकारी नीलामी) एक वाहन खरीदा है, तो उसका स्वामित्व अपने नाम कराना आवश्यक है। प्रक्रिया इस प्रकार है:

  • समय सीमा: नीलामी में वाहन लेने के बाद 30 दिनों के भीतर नए मालिक को अपने नाम ट्रांसफर के लिए आवेदन करना चाहिए​।

  • ज़रूरी दस्तावेज़: वाहन की नीलामी बिक्री प्रमाणपत्र (Auction Sale Certificate) जो नीलामी आयोजित करने वाले प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया हो, संलग्न करें। साथ में, वाहन का पुराना RC (यदि उपलब्ध हो) या नीलामीकर्ता द्वारा दिया गया स्वामित्व प्रूफ, और उपरोक्त सामान्य दस्तावेज़ (बीमा, PUC, आदि) जोड़ें।

  • फ़ॉर्म: ऐसे केस में Form 32 भरकर जमा करना पड़ता है​। Form 32 के साथ नीलामी प्रमाणपत्र, नीलामी आयोजित करने वाली संस्था द्वारा जारी कोई पत्र आदि लगाएं जो पुष्टि करे कि आपने वैध रूप से यह वाहन अधिग्रहित किया है।

  • प्रक्रिया: बाकी प्रक्रिया सामान्य RC ट्रांसफर जैसी ही रहती है  Parivahan पर आवेदन करें या RTO जाकर फॉर्म व फीस जमा करें। RTO पुराने रिकॉर्ड में आपको नए मालिक के तौर पर दर्ज करेगा। ध्यान रहे कि नीलामी में खरीदे गए वाहन पर भी यदि अंतर-राज्यीय ट्रांसफर हो रहा है तो पुराने राज्य का NOC/CC लेना पड़ सकता है (कुछ मामलों में बैंक द्वारा नीलामी पर RC पहले ही डीरजिस्टर कर दिया जाता है, तब नए राज्य में सीधे रजिस्ट्रेशन होता है)।

इन विशेष परिस्थितियों के अतिरिक्त, अगर वाहन फाइनेंस पर था तो ट्रांसफर से पहले बैंक का क्लीयरेंस लेना और आरटीओ में हाइपोथेकेशन खत्म कराने का कार्य (Form 35 के जरिए) पूरा करें​। सभी लंबित चालान, टैक्स और जुर्माने भी भर दें ताकि स्थानांतरण में कोई रुकावट न आए​।

No Objection Certificate (NOC) Required

NOC for vehicle ownership transfer तब ज़रूरी होती है जब वाहन को एक आरटीओ क्षेत्र से दूसरे में या एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित किया जा रहा हो। नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) पुराने RTO द्वारा जारी एक अनुमति है जो दर्शाती है कि वाहन पर कोई कानूनी या आर्थिक बकाया नहीं है और वे अन्य RTO में स्थानांतरण पर आपत्ति नहीं रखते।

  • कब लें: यदि आप राज्य बदल रहे हैं (इंटरस्टेट ट्रांसफर) या कभी-कभी एक ही राज्य में RTO बदल रहे हैं, तो पुराने आरटीओ से NOC लेना अनिवार्य होता है। बिना NOC के दूसरा RTO वाहन को अपने यहां रजिस्टर नहीं करेगा। उदाहरण के लिए, अगर दिल्ली पंजीकृत वाहन बेचकर उसे महाराष्ट्र स्थानांतरित करना है, तो दिल्ली RTO से NOC लेनी होगी।

  • कैसे लें: NOC प्राप्त करने के लिए Form 28 भरकर पुराने आरटीओ में आवेदन दें​। इसमें वाहन का विवरण, नए आरटीओ/राज्य का विवरण भरना होता है और पुष्टि करनी होती है कि वाहन चोरी/क्राइम में वांछित नहीं है तथा सभी टैक्स भर दिए गए हैं। आरटीओ पुलिस व टैक्स रिकॉर्ड चेक करके NOC जारी करता है। सुनिश्चित करें कि आवेदन से पहले सभी चालान, रोड टैक्स, इत्यादि क्लियर हों​।

  • NOC न मिलने की स्थिति: कई बार अगर वाहन के चालान लंबित हों या किसी कारण से NOC में देरी हो रही हो, तो आप RTO से Clearance Certificate (CC) ले सकते हैं या NOC के लिए आवेदन की रसीद के साथ एक लिखित घोषणा नए RTO को दे सकते हैं​। परंतु सामान्यतः बिना NOC पूर्ण ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू नहीं होती, इसलिए इसे प्राथमिकता से प्राप्त करें।

  • Validity: NOC जारी होने के बाद आमतौर पर 6 महीने के भीतर दूसरे राज्य में वाहन री-रजिस्टर करा लेना चाहिए। समय गुजरने पर NOC एक्सपायर मानी जा सकती है और दोबारा आवेदन करना पड़ सकता है। इसलिए NOC मिलते ही गाड़ी को नए स्थान पर ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू करें।

नोट: अगर वाहन एक ही राज्य में बिक रही है, तो NOC की आवश्यकता नहीं होती। NOC केवल अंतर-राज्यीय वाहन हस्तांतरण के लिए जरूरी है। कुछ राज्यों में अंतर-जिला ट्रांसफर पर भी NOC या CC मांगी जाती है, इसलिए ट्रांसफर से पहले स्थानीय RTO से जानकारी अवश्य ले लें।

Vehicle Ownership Transfer Online Fees

वाहन के मालिकाना हक को ट्रांसफर करने पर RTO द्वारा निर्धारित फीस देय होती है। यह vehicle ownership transfer fee वाहन के प्रकार (दो-पहिया/चार-पहिया, प्राइवेट/कमर्शियल) और राज्य के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है​। आमतौर पर फीस निम्न अनुसार होती है:

  • प्राइवेट कार (LMV, Non-Transport): आरटीओ स्वामित्व स्थानांतरण का मूल शुल्क लगभग ₹300 है​। इसके साथ नए RC स्मार्ट कार्ड शुल्क (~₹200) और सर्विस चार्ज मिलाकर कुल शुल्क करीब ₹500 के आसपास पड़ता है। कई राज्यों में कार के RC ट्रांसफर के लिए कुल फीस ₹500-₹600 तक होती है। उदाहरण के लिए, दिल्ली या तेलंगाना RTO में एक कार के ट्रांसफर पर लगभग ₹530 कुल शुल्क लगता है​।

  • दोपहिया वाहन (बाइक/स्कूटर): दो-पहिया के स्वामित्व ट्रांसफर का मूल शुल्क केवल ₹30-₹35 के करीब होता है​, परंतु स्मार्ट कार्ड व अन्य शुल्क जोड़कर कुल राशि लगभग ₹250-₹300 तक पहुँच जाती है। जैसे हैदराबाद (तेलंगाना) में बाइक ट्रांसफर की फीस करीब ₹380 रुपये तक होती है​।

  • अन्य वाहन एवं कमर्शियल: कमर्शियल या बड़ी गाड़ियां (मीडियम/हेवी व्हीकल इत्यादि) के लिए ट्रांसफर फीस अधिक हो सकती है। उदाहरण के लिए, मीडियम और हेवी कमर्शियल वाहन के लिए ₹500 से ₹750 तक शुल्क निर्धारित है​। इसके अलावा कमर्शियल गाड़ी के केस में करंट टैक्स क्लियरेंस और फिटनेस सर्टिफिकेट फीस भी जुड़ सकती है।

  • राज्य अनुसार अंतर: अलग-अलग राज्यों में स्थानीय user charges या कार्ड फीस के कारण राशि थोड़ा भिन्न हो सकती है। हालांकि आधारभूत RTO फीस केंद्र सरकार के नियमों द्वारा निर्धारित है (Rule 81, CMV Rules 1989). मसलन, गुजरात में और Andhra Pradesh में भी कार/बाइक के लिए यह फीस लगभग उपरोक्त रेंज में ही होती है (कार के लिए करीब ₹500 और बाइक के लिए ₹300 के आसपास)​। वेस्ट बंगाल या तमिलनाडु जैसे राज्यों में भी मोटे तौर पर फीस ₹300-₹500 के बीच ही रहती है। कहीं-कहीं स्मार्ट कार्ड जारी करने का चार्ज अलग से ₹200 लिया जाता है और कुछ सर्विस फीस ₹50 आदि जुड़ सकती हैं, जिससे कुल राशि में थोड़ा अंतर आ जाता है।

  • देर से ट्रांसफर पर फीस/जुर्माना: यदि वाहन बिक्री के 30 दिन (या अंतर-राज्यीय केस में 45 दिन) के भीतर ट्रांसफर के लिए आवेदन नहीं किया गया, तो देर से आवेदन पर पेनल्टी या लेट फीस लग सकती है​। यह पेनल्टी राशि प्रति महीने या एकमुश्त राज्य के नियमों अनुसार ली जाती है (प्रति महीने ₹% जुर्माना या निर्धारिक अतिरिक्त शुल्क)। इसलिए नियत समय में ही ट्रांसफर करना आर्थिक रूप से भी उचित है।

ROAD TAX का ध्यान रखें: यदि अंतर-राज्यीय ट्रांसफर हो रहा है, तो नए राज्य में रोड टैक्स का भुगतान भी करना पड़ता है। यह रोड टैक्स वाहन के मूल्य और आयु पर निर्भर करता है और ट्रांसफर फीस से काफी अधिक (हजारों रुपये) हो सकता है। उदाहरण के तौर पर नए राज्य में रजिस्ट्रेशन के वक्त वाहन की इनवॉयस वैल्यू पर लागू रोड टैक्स भरना होता है​। हालांकि, आप पुराने राज्य से बची हुई अवधि का रोड टैक्स रिफंड भी क्लेम कर सकते हैं​। रोड टैक्स नए पंजीकरण का हिस्सा है, इसे वाहन स्वामित्व ट्रांसफर फीस से अलग समझें।

State Specific Ownership Transfer

भारत के लगभग सभी राज्यों में अब ऑनलाइन vehicle ownership transfer की सुविधा मौजूद है। ज्यादातर राज्य केंद्रीय Parivahan Sewa (Vahan) पोर्टल का उपयोग करते हैं, जहाँ राज्य चुनकर ऑनलाइन आवेदन किया जाता है​। नीचे कुछ प्रमुख राज्यों के संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारी है:

  • Maharashtra: महाराष्ट्र में vehicle ownership transfer online प्रक्रिया Parivahan पोर्टल के ज़रिए पूरी की जाती है। ऑनलाइन आवेदन भरने के बाद प्रिंटआउट और दस्तावेज़ संबंधित आरटीओ (जैसे मुंबई, पुणे आदि) में जमा करने होते हैं। महाराष्ट्र में भी फीस राष्ट्रीय मानक के अनुरूप ~₹500 (कार) और ₹300 (दो-पहिया) के आसपास है। समय पर प्रक्रिया पूरी करने से 30 दिन के भीतर नया RC मिल जाता है।

  • Gujarat: गुजरात में ऑनलाइन वाहन स्वामित्व हस्तांतरण की सुविधा उपलब्ध है। Vehicle ownership transfer online Gujarat के लिए Parivahan पोर्टल पर राज्य के रूप में Gujarat चुनकर आवेदन भरें। आवश्यक दस्तावेज़ व फीस सबमिट करने पर गुजरात RTO द्वारा ट्रांसफर प्रोसेस किया जाता है। गुजरात में ट्रांसफर फीस दोपहिया हेतु ~₹300 व चारपहिया हेतु ~₹500 मानी जा सकती है, जो कि अन्य राज्यों के समान ही है (थोड़ा बहुत अंतर RTO अनुसार हो सकता है)। प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी होने पर नया स्मार्ट RC कार्ड जारी किया जाता है।

  • Kerala: केरल राज्य में भी Parivahan की ऑनलाइन सेवा से RC ट्रांसफर किया जा सकता है। Vehicle ownership transfer online Kerala प्रक्रिया हेतु Parivahan पोर्टल पर Kerala चयन कर आवेदन करें। केरल में कुछ मामलों में RTO द्वारा ओनरशिप ट्रांसफर के लिए दस्तावेज़ सत्यापन के लिए बुलाया जा सकता है। फीस संरचना राष्ट्रीय मानक के अनुरूप ही है (लगभग ₹300-₹500 निजी वाहनों के लिए)। राज्य परिवहन विभाग की वेबसाइट पर भी विस्तृत निर्देश उपलब्ध हैं।

  • Telangana: तेलंगाना में ऑनलाइन ट्रांसफर के लिए दोनो विकल्प हैं – Parivahan पोर्टल द्वारा आवेदन करना या सीधे राज्य परिवहन की वेबसाइट का उपयोग करना। हैदराबाद/तेलंगाना RTO में चारपहिया वाहन के RC ट्रांसफर की कुल लागत लगभग ₹530 और दोपहिया के लिए ₹380 रुपये है​(vehicle ownership transfer Telangana cost). आवेदन प्रक्रिया Parivahan पर वही है, लेकिन स्टेट ट्रांसपोर्ट पोर्टल पर आप Know Your Vehicle Details जैसी सेवा से ट्रांसफर की स्थिति चेक कर सकते हैं​। दस्तावेज़ सत्यापन के लिए संभवतः आपको RTO विज़िट करना होगा।

  • Tamil Nadu: तमिलनाडु में vehicle ownership transfer online Tamilnadu सुविधा Parivahan द्वारा सुलभ है। राज्य चुनकर आवश्यक विवरण भरने होते हैं। चेन्नई समेत तमिलनाडु के सभी RTO ऑनलाइन आवेदनों को प्रोसेस करते हैं और बाद में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुला सकते हैं। फीस अन्य राज्यों जैसी ही है और प्रक्रिया पूरी होने पर नया RC कार्ड जारी हो जाता है।

  • Karnataka: कर्नाटक में (जैसे बैंगलोर RTO) ऑनलाइन स्वामित्व स्थानांतरण का प्रोसेस उपलब्ध है। Karnataka vehicle ownership transfer online करने के लिए Parivahan पर Karnataka चुनें और आवेदन सबमिट करें। कर्नाटक परिवहन विभाग भी e-Services प्रदान करता है जहां आप आवेदन की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं। यहां ट्रांसफर फीस भी ~₹500 (कार) और ₹300 (बाइक) के आसपास होती है। सुनिश्चित करें कि कर्नाटक में ट्रांसफर करते वक्त सभी चालान भरे हों, क्योंकि बिना क्लियरेंस के RTO ट्रांसफर अप्रूव नहीं करता।

  • Delhi: दिल्ली में वाहन स्वामित्व हस्तांतरण पूरी तरह ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से होता है। Vehicle ownership transfer online Delhi के लिए Parivahan पर Delhi चुनकर आवेदन करें। दिल्ली RTO में वर्तमान में कार के ट्रांसफर पर करीब ₹530 का शुल्क लगता है​ और प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी होने के बाद दस्तावेज़ सत्यापन हेतु निर्धारित RTO ऑफिस में जाना पड़ सकता है। दिल्ली में प्रदूषण प्रमाणपत्र और बीमा का वैध होना विशेष रूप से चेक किया जाता है।

  • West Bengal: पश्चिम बंगाल में (कोलकाता आदि) ऑनलाइन RC ट्रांसफर सुविधा Parivahan द्वारा संचालित है। Vehicle ownership transfer online West Bengal के तहत आपको पोर्टल पर West Bengal का चयन कर आवेदन करना होगा। आवश्यक फॉर्म (29,30 आदि) भरकर ऑनलाइन फीस जमा की जाती है। बंगाल में भी प्रक्रिया लगभग बाकी राज्यों जैसी ही है और आरटीओ पुष्टि के बाद नया रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र जारी करता है।

  • Andhra Pradesh: आंध्र प्रदेश में पहले राज्य का अलग ऑनलाइन पोर्टल हुआ करता था, लेकिन अब vehicle ownership transfer online Andhra Pradesh भी Parivahan के माध्यम से किया जा सकता है​। राज्य के रूप में Andhra Pradesh चुनकर विवरण भरें और फीस जमा करें। आवश्यक होने पर आंध्र प्रदेश RTO कार्यालय में ओरिजिनल डॉक्यूमेंट सत्यापन के लिए जाएँ। ट्रांसफर फीस अन्य राज्यों के समान ही है (दो-पहिया ~₹300, चार-पहिया ~₹500)​। आंध्र प्रदेश परिवहन विभाग की वेबसाइट पर भी मार्गदर्शिका दी हुई है।

(उपरोक्त सभी राज्यों के लिए सामान्य नियम यही है कि ऑनलाइन आवेदन केंद्रीय परिवहन पोर्टल पर किया जाता है और लोकल RTO द्वारा प्रोसेस व अप्रूवल किया जाता है। राज्य के आधार पर दस्तावेज़ सत्यापन या अतिरिक्त NOC/CC जैसी औपचारिकताएँ भिन्न हो सकती हैं, इसलिए बेहतर है कि संबंधित राज्य के परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर दिए निर्देशों को भी एक बार देख लें।)

How to Check Ownership Transfer Status

जब आपने स्वामित्व हस्तांतरण के लिए आवेदन कर दिया है, तो स्वाभाविक है कि आप जानना चाहेंगे कि नया RC कब तक आएगा या प्रक्रिया किस स्टेज पर है। Vehicle ownership transfer status चेक करने के कुछ तरीके हैं:

  • ऑनलाइन पोर्टल पर स्टेटस देखें: जिस पोर्टल के जरिए आपने आवेदन किया (जैसे Parivahan या राज्य परिवहन विभाग की साइट), उस पर आवेदन की स्थिति जानने का विकल्प होता है। Parivahan Portal पर Online Services में Know your application status या संबंधित राज्य चुनकर Application Status चेक कर सकते हैं​। इसके लिए आपको आवेदन संख्या (Application Number) या वाहन का पंजीकरण नंबर और सबमिट के समय मिला Acknowledgement विवरण दर्ज करना होगा। उदाहरण के तौर पर, तेलंगाना परिवहन वेबसाइट पर Know Your Vehicle Details सेक्शन में जाकर या Parivahan पर लॉगिन करके आप RC Transfer Status देख सकते हैं​।

  • SMS द्वारा स्थिति पता करें: यदि ऑनलाइन इंटरनेट की सुविधा न हो, तो SMS से भी वाहन के नए मालिक की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। अपने फोन से एक मैसेज टाइप करें: VAHAN<space>VehicleNumber (जैसे VAHAN GJ01AB1234) और इसे 7738299899 पर भेज दें। कुछ ही देर में आपको उसी नंबर से वाहन के पंजीकरण से जुड़ी वर्तमान स्थिति का एसएमएस मिल जाएगा​। इस SMS में वाहन के वर्तमान मालिक का नाम, आरसी की स्थिति आदि विवरण होते हैं। यदि ट्रांसफर प्रोसेस अभी लंबित है तो उसी के अनुसार संदेश आएगा।

  • RTO से सीधे संपर्क: अगर ऑनलाइन स्टेटस अपडेट नहीं दिख रहा हो, और काफी समय गुजर चुका है, तो आप संबंधित RTO कार्यालय में जाकर या फोन के जरिए भी RC ट्रांसफर के स्टेटस की जानकारी ले सकते हैं। आवेदन संख्या या वाहन नंबर बताने पर RTO अधिकारी आपको बताएंगे कि फाइल किस चरण में है – संभव है कि आपका नया RC प्रिंट होकर डिस्पैच हो चुका हो या किसी डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन का इंतज़ार हो।

  • mParivahan / Vahan App: भारत सरकार का mParivahan मोबाइल ऐप या परिवहन विभाग के आधिकारिक ऐप की मदद से भी आप अपने वाहन का अपडेटेड विवरण देख सकते हैं। यदि ट्रांसफर पूरा हो चुका है, तो ऐप पर उस वाहन नंबर से सर्च करने पर नए मालिक का नाम दिखाई देगा। यह अप्रत्यक्ष रूप से पुष्टि करता है कि स्वामित्व परिवर्तन दर्ज हो चुका है।

परिस्थिति के आधार पर RC ट्रांसफर प्रोसेस पूरा होने में कुछ हफ़्ते लग सकते हैं​। इस बीच धैर्य रखें और समय-समय पर ऊपर बताए माध्यम से vehicle ownership transfer online status जांचते रहें। नया स्मार्ट कार्ड बनते ही उसे आपके पते पर पहुंचा दिया जाएगा। यदि आवेदन में कोई कमी पाई गई तो RTO आपसे संपर्क करेगा या पोर्टल पर उसे दर्शाएगा, इसलिए संपर्क विवरण (मोबाइल नंबर, पता) बिल्कुल सही भरें।

Conclusion

वाहन स्वामित्व हस्तांतरण एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रक्रिया है जिससे यह सुनिश्चित होता है कि वाहन का सही मालिक रिकॉर्ड में दर्ज है। ऊपर बताए गए चरणों का पालन करके आप online vehicle ownership transfer की प्रक्रिया को सरलता से पूरा कर सकते हैं। उचित दस्तावेज़, निर्धारित शुल्क​ और समय सीमा का ध्यान रखकर ट्रांसफर करने से आगे चलकर किसी प्रकार की कानूनी या प्रशासनिक परेशानी नहीं होगी। याद रखें, वाहन बेचे या खरीदें, RC ट्रांसफर को टालें नहीं समय पर नए मालिक के नाम रजिस्ट्रेशन करवाएं और निश्चिंत होकर वाहन का उपयोग करें।

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