Fancy Number 2025: भारत में गाड़ी के लिए फैंसी नंबर प्लेट कैसे प्राप्त करें? VIP नंबर प्लेट के लिए कितना पैसा लगता है?

भारत में अपनी गाड़ी के लिए एक Fancy Number या VIP Number Plate लेना कई लोगों के लिए शान की बात होती है। ये विशेष नंबर प्लेटें दिखने में यूनिक होती हैं और अक्सर लोग इन्हें अपनी पसंद या भाग्यशाली अंक के अनुसार चुनते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि Fancy Number Plate क्या होती है, इसे पाने की ऑनलाइन प्रक्रिया (Parivahan Fancy Number Portal) क्या है, RTO कार्यालय में इसकी नीलामी कैसे होती है, मुफ्त और पेड Fancy Number में क्या अंतर है, उपलब्धता कैसे जांचें, VIP नंबर प्लेट के लिए कौन-सी शर्तें व दस्तावेज़ जरूरी हैं, विभिन्न राज्यों (जैसे दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, UP) में इनकी कीमतें क्या हैं।

Fancy Number Plate (VIP Number Plate) क्या है?

Fancy Number Plate एक ऐसी वाहन पंजीकरण संख्या है जो सामान्य नंबरों से हटकर विशेष होती है। इसे ही आम बोलचाल में VIP नंबर भी कहते हैं। साधारण नंबर जहां क्रम से चलते हैं, वहीं fancy numbers खास अंक-समूह या पैटर्न वाले होते हैं। उदाहरण के लिए 0001, 0786, 1111, 9999 जैसे नंबर एकसमान अंक या ख़ास अनुक्रम दर्शाते हैं। ये नंबर निम्न विशेषताएं रखते हैं:

  • विशिष्ट पैटर्न: इनमें अंक या तो एक जैसे दोहराए जाते हैं (जैसे 1111, 2222) या खास क्रम/संयोग में होते हैं (जैसे 1234, 0101, 1212)।

  • आसानी से याद रहना: ऐसे VIP Fancy Number याद रखने में आसान होते हैं और दूर से तुरंत पहचान में आ जाते हैं।

  • स्टेटस सिंबल: बहुत से लोग इन्हें प्रतिष्ठा से जोड़ते हैं। एक शानदार गाड़ी पर एक यूनिक नंबर प्लेट लोगों का ध्यान खींचती है।

  • मांग के कारण महंगी: चूंकि Fancy No. सीमित होते हैं और मांग ज्यादा होती है, इन्हें लेने के लिए अतिरिक्त पैसा देना पड़ता है या बोली (auction) में भाग लेना पड़ता है।

साधारण नंबर प्लेट की तुलना में VIP Fancy Number Plate के लिए नियम अलग होते हैं और इन्हें पाने के लिए आपको नियमानुसार प्रक्रिया पूरी करनी होती है।

परिवहन पोर्टल से ऑनलाइन Fancy Number Booking

भारत में परिवहन विभाग ने ऑनलाइन माध्यम से fancy number बुक करने की सुविधा दी है। Parivahan Portal पर एक विशेष सेक्शन है जिसे Fancy Number Booking कहते हैं​। इस Fancy Number Parivahan पोर्टल के माध्यम से आप अपनी मनपसंद संख्या के लिए आवेदन कर सकते हैं, भुगतान कर सकते हैं और नीलामी प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं वो भी घर बैठे। ऑनलाइन प्रणाली से पारदर्शिता बढ़ी है और सभी राज्यों के लिए प्रक्रिया आसान हो गई है। नीचे स्टेप बाय स्टेप ऑनलाइन बुकिंग प्रक्रिया दी गई है:

Parivahan का ऑनलाइन Vahan fancy number बुकिंग पोर्टल अब आसान इंटरफेस के साथ उपलब्ध है, जहाँ आप auction status, bidding updates, और online payments जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।

  • पोर्टल पर जाएं और लॉगिन/रजिस्टर करें: सबसे पहले परिवहन विभाग के आधिकारिक पोर्टल के Fancy Number सेक्शन ​parivahan.gov.in पर “Fancy Number Booking” लिंक) पर जाएं। यदि आप नए यूज़र हैं तो अपना अकाउंट बनाएं। पंजीकरण के लिए नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आदि जानकारी देकर लॉगिन क्रेडेंशियल बना लें। मौजूदा यूज़र सीधे लॉगिन करें।

  • राज्य और RTO चयन करें: लॉगिन के बाद पोर्टल में उस राज्य और क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) को चुनें जहाँ आप वाहन रजिस्टर करने वाले हैं। ध्यान रहे कि आपको उसी RTO में आवेदन करना है जहाँ का आपके पास वैध पता (निवास प्रमाण) है।

  • उपलब्ध fancy नंबरों की सूची देखें: राज्य/RTO चुनने पर वहाँ उपलब्ध fancy नंबरों की एक सूची (Fancy Number List) दिखाई देगी। आप इस सूची में से अपनी पसंद के नंबर खोज सकते हैं। पोर्टल पर श्रेणीवार लोकप्रिय VIP नंबर (जैसे 0001, 0007, 0786, 1111, 9999 आदि) और उनके आरक्षित शुल्क दिखाए जाते हैं। यदि आपका मनचाहा नंबर सूची में है और उपलब्ध है तो उसे चुनें। आप किसी विशेष अंक के लिए Availability सर्च भी कर सकते हैं।

  • आवेदन सबमिट करें और भुगतान करें: पसंदीदा नंबर चुनने के बाद ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरें। इसमें वाहन से संबंधित विवरण (जैसे वाहन का शोरूम इनवॉइस या प्रस्तावित चेसिस/इंजन नंबर) और व्यक्तिगत विवरण भरने होते हैं। उसके बाद निर्धारित बुकिंग शुल्क का ऑनलाइन भुगतान करें। पेमेंट Net-Banking, डेबिट/क्रेडिट कार्ड या UPI से किया जा सकता है। (ध्यान दें: यह भुगतान आमतौर पर शुरुआती आरक्षित शुल्क या सिक्योरिटी डिपॉज़िट होता है)।

  • बोली (यदि आवश्यक हो) में भाग लें: अगर आपके चुने हुए नंबर के लिए और कोई आवेदक नहीं है, तो वह नंबर आपको अलॉट हो सकता है। लेकिन यदि एक से अधिक लोगों ने उसी नंबर के लिए आवेदन किया है, तो उस Fancy Number RTO द्वारा नीलामी प्रक्रिया के तहत आलॉट होगा। ऑनलाइन पोर्टल पर बोली लगाने का समय-स्लॉट या तारीख निर्धारित की जाती है। आपको ईमेल/SMS के माध्यम से सूचित किया जाएगा कि कब और कैसे Bidding करनी है। निर्धारित समय के दौरान पोर्टल पर लॉगिन करके बोली लगाएं। आप देख सकते हैं कि नंबर के लिएHighest बोली कहाँ तक पहुंची है और उसी के अनुसार अपनी बोली बढ़ा सकते हैं।

  • परिणाम और नंबर अलॉटमेंट: नीलामी/बोली प्रक्रिया पूरी होने के बादHighest बोली लगाने वाले को नंबर आवंटित हो जाएगा। पोर्टल पर परिणाम घोषित होते हैं या आपको ईमेल/SMS द्वारा सूचना मिलती है। यदि आपHighest bidder हैं, तो निश्चित समय के भीतर अंतिम बोली राशि का भुगतान करना होगा। भुगतान पूरा होते ही वह fancy number आपके नाम आरक्षित हो जाएगा।

  • नंबर को वाहन पर रजिस्टर करें: ऑनलाइन बोली जीतने या नंबर बुक करने के बाद अगला कदम है उस नंबर को अपनी गाड़ी पर रजिस्टर कराना। आपको अपने वाहन की स्थायी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया उसी RTO में पूरी करनी होगी, जहाँ आपने नंबर बुक किया है। नई गाड़ी की रजिस्ट्रेशन करते समय RTO उस आरक्षित VIP नंबर को आपके वाहन को आवंटित कर देगा। यदि वाहन पहले से है (और अस्थायी नंबर पर चल रहा है) तो निर्धारित समयसीमा में उसे इस नए नंबर के साथ रजिस्टर करवाएं।

इस प्रकार, Parivahan के Fancy Number Booking सिस्टम से पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी हो जाती है। ऑनलाइन प्रक्रिया में पारदर्शिता रहती है – आप Auction Status और बोली के अपडेट रियल टाइम देख सकते हैं, और Online Payment से तुरंत भुगतान कर सकते हैं।

RTO Fancy Number नीलामी प्रक्रिया

कुछ मामलों में ऑनलाइन पोर्टल पर प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी अंतिम एलोकेशन के लिए भौतिक नीलामी (ऑक्शन) की आवश्यकता पड़ सकती है। कई राज्यों में यदि किसी VIP Fancy Number के एक से अधिक दावेदार हैं, तो संबंधित RTO उस नंबर की नीलामी आयोजित करता है। Fancy Number RTO ऑक्शन प्रक्रिया का उद्देश्य पारदर्शी तरीके से Highest बोली लगाने वाले को नंबर एलोकेशन करना है।

नीलामी प्रक्रिया सामान्यतः इस प्रकार होती है:

  • प्रारंभिक आवेदन और जमा राशि: इच्छुक आवेदकों को नियत तारीख तक आवेदन पत्र भरकर एक प्रारंभिक जमा राशि (बीडिंग सिक्योरिटी) जमा करनी होती है। उदाहरण के लिए, कर्नाटक में यदि बेंगलुरु में किसी fancy number के लिए नीलामी हो रही है तो प्रतिभागी को ₹75,000 का डिमांड ड्राफ्ट आवेदन के साथ जमा करना होता है​। प्रत्येक राज्य में यह राशि अलग हो सकती है, जिसका उद्देश्य गंभीर बोलीदाताओं को ही आकर्षित करना है।

  • टोकन और नीलामी आयोजन: समय सीमा तक जिनके आवेदन व डिपॉज़िट प्राप्त होते हैं, उन्हें नीलामी में भाग लेने के लिए टोकन या पहचान दी जाती है​। फिर RTO कार्यालय या ऑनलाइन पोर्टल पर तय समय पर नीलामी शुरू होती है। कुछ राज्यों में यह ऑनलाइन बोली के रूप में होती है, जबकि कहीं-कहीं RTO दफ्तर में खुली बोली (open auction) भी करवाई जाती है। अधिकारी क्रमशः प्रत्येक लोकप्रिय नंबर के लिए बोली आरंभ करते हैं।

  • सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को एलोकेशन: बोली प्रक्रिया के अंत में जो प्रतिभागीHighest बोली लगाता है, उसी को वह fancy number दिया जाता है। नीलामी पूरी होने पर विजेता की घोषणा की जाती है और उसे शेष राशि जमा करने के लिए कहा जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी ने 0001 नंबर के लिए बोली जीती है तो प्रारंभिक जमा काटकर बाकी राशि दो कार्यदिवस के अंदर DD द्वारा जमा करनी पड़ सकती है​ (या ऑनलाइन भुगतान, जैसा प्रावधान हो)।

  • नियत समय में वाहन पंजीकरण: नीलामी जीतने वाले को एक निश्चित समयावधि में उस VIP नंबर को अपने वाहन पर रजिस्टर कराना अनिवार्य होता है। कई राज्यों में यह समयसीमा 30 दिन की होती है, जबकि कुछ मामलों में 90 दिन तक की मोहलत दी जाती है​। अगर विजेता इस अवधि में वाहन का रजिस्ट्रेशन उस नंबर के साथ नहीं कराता, तो उसकी बोली रद्द हो सकती है और जमा की गई राशि जब्त (forfeit) की जा सकती है​।

ध्यान दें कि RTO Fancy Number Auction में पारदर्शिता और नियमों का कड़ाई से पालन होता है। बोलीदाता को अपने पहचान पत्र, निवास प्रमाण और वाहन संबंधी कागजात साथ रखने होते हैं। नीलामी प्रक्रिया राज्य के मोटर वाहन नियमों के अनुरूप Rule 46 आदि के तहत संचालित की जाती है​। कुल मिलाकर, नीलामी द्वारा सरकार को भी राजस्व मिलता है और आवंटन की प्रक्रिया न्यायसंगत रहती है।

सामान्य नंबर और फैंसी नंबर मैं क्या अंतर है?

जब आप नई गाड़ी खरीदते हैं, तो सामान्य परिस्थिति में RTO आपको बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के एक रजिस्ट्रेशन नंबर आवंटित करता है। यह मुफ्त एलोकेशन सीरियल क्रम में अगले उपलब्ध नंबर के आधार पर होता है। दूसरी ओर, Paid fancy number का मतलब है कि आप अपनी पसंद का कोई खास नंबर चाहते हैं, जिसके लिए अतिरिक्त फीस देकर या बोली लगाकर नंबर प्री-बुक करवाते हैं। आइए इन दोनों प्रक्रियाओं का अंतर सरल शब्दों में समझें:

  • FREE (सामान्य नंबर): मुफ्त प्रक्रिया में आपको वाहन पंजीकरण करते समय जो भी अगला चालू नंबर सीरीज़ में उपलब्ध होता है, वह मिल जाता है। उदाहरण के लिए, यदि वर्तमान में नंबर सीरीज़ DL 01 AB 0001 से चलकर 0050 तक पहुंची है और आपका नंबर बुक नहीं है, तो बिना अतिरिक्त शुल्क के आपका वाहन DL 01 AB 0051 नंबर पर रजिस्टर हो जाएगा। इस सामान्य प्रक्रिया में कोई भी अतिरिक्त औपचारिकता या शुल्क नहीं देना पड़ता (सिर्फ नियमित RTO रजिस्ट्रेशन फीस जो हर किसी के लिए होती है)।

  • PAID (फैंसी नंबर): इसमें आप क्रम से हटकर कोई विशेष अंक चाहते हैं, जैसे कि एक नया वाहन है लेकिन आप उसके लिए 0009 या 0909 जैसा यूनिक नंबर चाहते हैं। ऐसी स्थिति में उस नंबर के लिए आपको आवेदन करना होगा और सरकार द्वारा तय शुल्क जमा करना होगा। प्रत्येक RTO ने कुछ नंबरों को VIP या विशेष श्रेणी में रखा होता है जिनके लिए न्यूनतम फीस निर्धारित है। अगर उस नंबर के कई दावेदार नहीं हैं, तो निर्धारित फीस देकर आप नंबर ले सकते हैं।

लेकिन यदि और लोग भी उस नंबर को चाहते हैं, तो फिर बोली लगाकरHighest बोली देने वाले को नंबर मिलेगा (जैसा ऊपर नीलामी प्रक्रिया में बताया गया)। पेड fancy number की फीस कुछ हजार से लेकर लाखों रुपये तक हो सकती है (नंबर की लोकप्रियता के अनुसार)। पेड प्रक्रिया में आपको ऑनलाइन/ऑफ़लाइन आवेदन, शुल्क भुगतान, और आवंटन कन्फर्म होने तक प्रतीक्षा करनी होती है।

संक्षेप में: मुफ्त नंबर वह है जो आपको बिना मांग किए मिल जाता है, जबकि VIP fancy number वह है जिसे खास मांग पर पाने के लिए खर्च करना पड़ता है। यदि आपको नंबर से खास लगाव नहीं है तो मुफ़्त वाला तरीक़ा आसान और तेज़ है। लेकिन यदि आप अपनी पसंद का यादगार नंबर चाहते हैं तो पेड तरीका अपनाना पड़ेगा।

Fancy Number उपलब्धता कैसे जांचें?

किसी भी VIP नंबर को पाने से पहले यह देखना ज़रूरी है कि वह नंबर उपलब्ध है या नहीं। अगर वह नंबर पहले से किसी वाहन को अलॉट हो चुका है या किसी और ने बुक कर लिया है, तो आप उसे दुबारा नहीं ले सकते। उपलब्धता जांचने के लिए मुख्यतः दो तरीके हैं:

1. Parivahan के पोर्टल पर ऑनलाइन जांच: जैसा कि ऊपर ऑनलाइन प्रक्रिया में बताया, पोर्टल पर राज्य और RTO चुनने के बाद एक fancy number list प्रदर्शित होती है। यह सूची दिखाती है कि कौन से fancy numbers अभी तक आवंटित नहीं हुए हैं और बुकिंग/नीलामी के लिए उपलब्ध हैं। आप सर्च बार में अपना मनपसंद नंबर टाइप करके भी देख सकते हैं कि वह उपलब्ध है या नहीं। यदि उपलब्ध है, तो पोर्टल आपको बताएगा कि उसपर अभी तक कोई बोली या आवेदन नहीं है और आप आगे बढ़ सकते हैं।

यदि किसी नंबर पर पहले से आवेदन आ चुका है, तो उसकी स्थिति (जैसे “नीलामी में”, “बुक्ड”, या “आवंटित”) भी पोर्टल पर दिखती है। ऑनलाइन माध्यम से आप विभिन्न राज्यों के fancy numbers की उपलब्धता आसानी से देख सकते हैं (चाहे आप fancy number Delhi चेक करना चाह रहे हों या fancy number UP की स्थिति, बस संबंधित राज्य चुनें)। ध्यान रखें कि आपको हमेशा सही RTO/सीरीज़ का चयन करना है कभी-कभी एक ही राज्य में अलग-अलग RTO की अपनी VIP नंबर श्रृंखलाएँ होती हैं। उदाहरण के लिए, दिल्ली में अलग-अलग ज़ोन के RTO अपने-अपने fancy number जारी करते हैं, तो आपको अपनी गाड़ी के RTO के अनुसार ही उपलब्धता देखनी होगी।

2. RTO कार्यालय या हेल्पलाइन से पता करें: यदि ऑनलाइन सुविधा का उपयोग करना संभव नहीं है, तो आप सीधे संबंधित RTO में संपर्क करके भी किसी नंबर की उपलब्धता की जानकारी ले सकते हैं। RTO में एक नोटिस-बोर्ड या सूची लगी होती है जिसमें अभी तक बुक हुए fancy नंबरों का विवरण रहता है। इसके अलावा कई राज्य परिवहन विभाग अपनी वेबसाइट या कार्यालय में fancy number availability की लिस्ट नियमित अपडेट करते हैं। आप फोन पर RTO हेल्पलाइन से पूछकर भी पता लगा सकते हैं कि अमुक नंबर खाली है या अलॉट हो चुका है।

उपलब्धता जांचते समय एक बात ध्यान में रखें: आमतौर पर जो लेटेस्ट सीरीज़ चल रही होती है, उसी के fancy number उपलब्ध होते हैं। यदि पुरानी सीरीज़ का कोई नंबर आपको चाहिए और वह उस समय किसी वाहन को अलॉट नहीं था, फिर भी RTO उस पुराने सीरीज़ को खोलकर नंबर आवंटित नहीं करते। उन्हें केवल चालू सीरीज़ में से ही नंबर चुनने की अनुमति होती है (कुछ अपवाद स्थितियों को छोड़कर)। मतलब, अगर वर्तमान में क्रम AB-series चल रही है तो आप AB सीरीज़ में उपलब्ध fancy numbers में से ही चुन सकते हैं; पूर्व की AA-सीरीज़ में कोई अच्छा नंबर छूट गया हो तो भी अब आप उसे क्लेम नहीं कर सकते।

ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग करते हुए आप अलग-अलग RTO में उपलब्ध fancy numbers भी देख सकते हैं। मसलन, कोई खास नंबर एक RTO में बुक हो चुका है पर दूसरे शहर के RTO में वही नंबर (विभिन्न सीरीज़ को छोड़कर) उपलब्ध हो सकता है। लेकिन आप उसी RTO में आवेदन करें जहाँ आप वाहन रजिस्टर कराने वाले हैं, बाहर के RTO का नंबर आप नहीं ले सकते जब तक आपका वाहन वहाँ रजिस्टर न होने वाला हो।

VIP Fancy Number Plate के लिए आवश्यक शर्तें 

हर राज्य के परिवहन विभाग ने VIP या fancy नंबर प्लेट हासिल करने के लिए कुछ पात्रता शर्तें निर्धारित की हैं। इन शर्तों का पालन करना ज़रूरी है, अन्यथा आवंटन रद्द हो सकता है। मुख्य शर्तें इस प्रकार हैं:

  • स्थानीय निवास प्रमाण: जिस RTO से आप fancy number लेना चाहते हैं, आपके पास उस क्षेत्र/राज्य का वैध निवास प्रमाण होना चाहिए। उदाहरण के लिए, अगर आप दिल्ली में fancy number बुक करना चाहते हैं तो आपका एड्रेस प्रूफ़ दिल्ली का ही होना चाहिए और वाहन का रजिस्ट्रेशन भी दिल्ली RTO में होना चाहिए। आप किसी दूसरे राज्य/शहर के पते पर दिल्ली का VIP नंबर नहीं ले सकते। RTO अक्सर आवेदन के समय आपका पता सत्यापित करता है ताकि RTO से निवास प्रमाण मेल खाना सुनिश्चित हो सके।

  • नियत समय में रजिस्ट्रेशन: VIP नंबर प्लेट हासिल करने की एक महत्वपूर्ण शर्त यह है कि नंबर मिलने के बाद आप उसे एक सीमित समयावधि में अपने वाहन पर रजिस्टर करवाएं। आम तौर पर यह समयसीमा 30 दिन की होती है (कुछ राज्यों में 90 दिन तक। यदि आप इस अवधि के भीतर अपनी गाड़ी की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी नहीं करते हैं और fancy number को वाहन के RC पर दर्ज नहीं कराते हैं, तो आपका आवंटन रद्द किया जा सकता है और आप उस नंबर का दावा खो देंगे। यह नियम इसलिए है ताकि लोग नंबर बुक करके बिना उपयोग के रोके न रखें।

  • वाहन का वर्ग और उपयोग: अक्सर VIP नंबर केवल निजी हल्के वाहनों (LMV – जैसे कार) के लिए आवंटित किए जाते हैं, या जिस श्रेणी में आप आवेदन कर रहे हैं उसी श्रेणी में इस्तेमाल करने होते हैं। आप जिस वर्ग के वाहन के लिए आवेदन कर रहे हैं, नंबर उसी के लिए मान्य होगा। उदाहरणतः, दोपहिया वाहन के लिए 0001 लेना चाहें तो वह दोपहिया श्रेणी में ही अलॉट होगा; आप वह कार पर ट्रांसफर नहीं करा सकते।

  • एक वाहन – एक VIP नंबर: एक VIP fancy number एक समय में सिर्फ एक ही वाहन के नाम रजिस्टर रह सकता है। आप एक नंबर लेकर उसे कई गाड़ियों पर इस्तेमाल नहीं कर सकते। अगर वाहन बेचते हैं या स्क्रैप करते हैं, तो कुछ राज्यों में वह VIP नंबर नए वाहन को ट्रांसफर कराने का विकल्प दिया जाता है लेकिन उसकी अलग प्रक्रिया है (और तुरंत करना होता है, नहीं तो नंबर दोबारा सरकार के पास चला जाता है)।

  • अन्य नियम: आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष (ड्राइविंग लाइसेंस की पात्रता) होनी चाहिए क्योंकि वाहन का रजिस्ट्रेशन उसी के नाम होगा। वाहन का बीमा, प्रदूषण प्रमाणपत्र आदि सामान्य दस्तावेज भी पूरे होने चाहिए जब आप अंततः वाहन रजिस्टर कराने जाएंगे। कुछ राज्यों में यह शर्त भी होती है कि जिस वाहन के लिए VIP नंबर ले रहे हैं वो नया (अनरजिस्टरड) होना चाहिए; पहले से रजिस्टर्ड वाहन पर नंबर बदलवाने की अनुमति सामान्यतः नहीं होती।

इन शर्तों का पालन आवेदक को शुरू से अंत तक करना होता है। आवेदन पत्र में गलत जानकारी देने पर या दस्तावेज़ मिलान न होने पर आवेदन निरस्त हो सकता है और फीस वापस नहीं मिलती। इसलिए सुनिश्चित करें कि आप पात्रता की सभी क्राइटेरिया को पूरा करते हैं तभी VIP नंबर के लिए अप्लाई करें।

VIP Number के लिए आवश्यक दस्तावेज़

Fancy number बुक करते समय और आखिर में वाहन रजिस्ट्रेशन कराते समय, आपको कई दस्तावेज़ों की जरूरत पड़ेगी। मुख्य आवश्यक दस्तावेज़ों की सूची इस प्रकार है:

  • पहचान प्रमाण (ID Proof): आवेदक का फोटो पहचान पत्र आवश्यक है। इसमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस आदि में से कोई एक मान्य ID देनी होती है। ऑनलाइन आवेदन में आपको ID प्रूफ नंबर और संभवतः उसकी स्कैन कॉपी अपलोड करनी पड़े।

  • पता/निवास प्रमाण (Address Proof): RTO क्षेत्र में आपके निवास का प्रमाण देना अनिवार्य है। इसमें आधार (यदि उसमें वर्तमान पता है), बिजली/पानी का बिल, पासपोर्ट, वोटर ID, राशन कार्ड आदि में से कोई दस्तावेज़ जिस पर आपका पता हो, शामिल है। ध्यान दें कि पता उसी शहर/राज्य का होना चाहिए जहां आप fancy number लेना चाहते हैं (जैसा ऊपर पात्रता में बताया)।

  • वाहन से जुड़े कागजात: अगर वाहन ख़रीद लिया है तो उसका खरीद बिल/इनवॉइस, चेसिस नंबर और इंजन नंबर की जानकारी आवश्यक होगी। नया वाहन है तो डीलर से मिला Pro-forma इनवॉइस या Form 21 (सेल सर्टिफिकेट) आपको जमा करना पड़ सकता है ताकि यह प्रूफ हो सके कि वाहन आपके पास है और रजिस्ट्रेशन लंबित है। यदि वाहन अभी नहीं खरीदा और केवल नंबर पहले बुक करना चाहते हैं, तब भी आपको निर्धारित समय में वाहन की जानकारी देकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा, इसलिए जल्द वाहन खरीद लें।

  • वाहन बीमा और प्रदूषण प्रमाणपत्र: यद्यपि ये दस्तावेज़ VIP नंबर बुक करते समय सीधे नहीं मांगे जाते, लेकिन जब आप अंत में वाहन को RTO में रजिस्टर कराने जाएंगे तब आपके पास वैध बीमा पॉलिसी और PUC (प्रदूषण प्रमाणपत्र) होना चाहिए। नई गाड़ियों के लिए बीमा तो होता ही है, PUC नई गाड़ियों को छह माह बाद चाहिए होता है। फिर भी, तैयार रहें कि रजिस्ट्रेशन के समय ये कागज़ात पूरे हों।

  • अन्य दस्तावेज़: कुछ राज्यों मेंFancy number के लिए आवेदन पत्र (फॉर्म) भरकर हस्ताक्षर सहित जमा करना पड़ता है (ऑनलाइन या ऑफलाइन)। यदि代理 (एजेंट) या डीलर आपके behalf पर अप्लाई कर रहा है तो उन्हें आपसे अथॉरिटी लेटर लेना होगा। पेमेंट से जुड़े प्रूफ़ (जैसे ऑनलाइन रसीद या डिमांड ड्राफ्ट की प्रति) भी संभाल कर रखें।

ध्यान दें: ऑनलाइन आवेदन के दौरान आपको ज्यादातर दस्तावेज़ों की स्कैन कॉपी अपलोड करनी पड़ सकती है और भौतिक सत्यापन के समय ओरिजनल दिखाने होते हैं। इसलिए सभी दस्तावेज़ सही, वैध और अद्यतन (updated) रखें। खासकर पहचान और पते में कोई mismatch नहीं होना चाहिए (जैसे नाम की स्पेलिंग आदि) ताकि बाद में दिक्कत न आए।

विभिन्न राज्यों में Fancy Number की कीमतें और लोकप्रिय नंबर

भारत में fancy number का क्रेज कई राज्यों में देखने को मिलता है, लेकिन हर राज्य में इसकी कीमतें और नियम थोड़े अलग हो सकते हैं। आमतौर पर परिवहन विभाग कुछ नंबरों के लिए आरक्षित आधार मूल्य (Reserve Price) तय करता है। इस आधार मूल्य से बोली शुरू होती है या अकेला आवेदक होने पर उसी राशि पर नंबर मिल जाता है। नीचे हम दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत कुछ स्थानों के संदर्भ में VIP नंबर की कीमतों और लोकप्रियता का ذکر कर रहे हैं:

Fancy Number Delhi

दिल्ली देश में सबसे महंगे fancy numbers में से गिना जाता है। यहां परिवहन विभाग ने VIP नंबरों के लिए श्रेणियां निर्धारित की हैं। 0001 जैसे नंबर का आरक्षित शुल्क लगभग ₹5 लाख तक होता है (यदि सिर्फ एक आवेदक हो तो इसी रकम पर मिल जाएगा; कई आवेदक हों तो बोली यहीं से शुरू होगी)। इसी तरह 0007, 0009, 0786, 9999 जैसे अत्यधिक मांग वाले नंबरों का आरंभिक शुल्क आमतौर पर ₹3 लाख के आसपास रहता है।

अन्य आकर्षक नंबर (जैसे 1111, 2222, 1000, 1234 आदि) के लिए ₹1 से ₹2 लाख तक आरक्षित कीमत हो सकती है। दिल्ली में हर नए सीरीज़ के शुरू में RTO इन प्रीमियम नंबरों की बोली लगवाता है। यहाँ कई बार 0001 नंबर के लिए बोली 10-12 लाख रुपये तक पहुंच चुकी है​, जो दर्शाता है कि दिल्ली में VIP नंबर प्लेट वाकई एक स्टेटस सिंबल है। अगर आप दिल्ली में fancy number लेना चाहते हैं तो तैयार रहें कि लोकप्रिय नंबर के लिए आपको लाखों खर्च करने पड़ सकते हैं।

Fancy Number Punjab

पंजाब में भी VIP fancy numbers का काफी क्रेज है। पंजाब के RTO (जिला परिवहन कार्यालय) समय-समय पर इनकी नीलामी करते हैं। आम तौर पर पंजाब में fancy number Punjab के लिए 0001 का रिज़र्व प्राइस करीब ₹1 लाख से शुरू होता है। बाकीRepeating या आकर्षक नंबर (जैसे 0007, 0009, 1111, 2222, 786, 9999 आदि) ₹50,000 या उससे ऊपर के आरंभिक शुल्क पर उपलब्ध कराए जाते हैं।

हालांकि बोली लगने पर कीमत कहीं ज्यादा जा सकती है। उदाहरण के लिए, अगर लुधियाना या चंडीगढ़ में किसी लग्ज़री कार मालिक को 0001 चाहिए, तो बोली कई लाख रुपये तक पहुंचना आम बात है। पंजाब में 0001, 0007, 0786 और 9999 बहुत लोकप्रिय हैं, और इनके लिए मोटी बोली लगती है। जो नंबर बच जाते हैं (कम डिमांड वाले) उन्हें बाद में पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर भी दिया जाता है। कुल मिलाकर पंजाब में VIP नंबरों के लिए आपको कम से कम एक-दो लाख का बजट लेकर चलना चाहिए अगर कोई टॉप-टियर नंबर चाह रहे हैं।

Fancy Number Haryana

हरियाणा में VIP नंबरों की श्रेणियां पंजाब से मिलती-जुलती हैं। 0001 यहाँ भी सबसे प्रीमियम नंबर है, जिसका आधार शुल्क लगभग ₹1 लाख या उससे अधिक रखा जाता है। कई जिलों में 0001 के लिए आरंभिक कीमत ₹5 लाख तक भी रही है, खासकर गुरुग्राम जैसे स्थानों में जहाँ लग्ज़री वाहनों के मालिक VIP नंबर के लिए ऊंची बोली लगाने को तैयार रहते हैं। fancy number Haryana की बात करें तो 0005, 0007, 0009, 0909, 0786, 1111, 2222, 9999 आदि लोकप्रिय हैं और इनके लिए ₹50,000 से ₹1,00,000 तक रिज़र्व प्राइस आम है।

हरियाणा में Transport विभाग समय-समय पर ई-नीलामी भी आयोजित करता है जहां लोग ऑनलाइन बोली लगा सकते हैं। जैसे एक समाचार में उल्लेख था कि एक व्यक्ति ने सिर्फ मनचाहा नंबर पाने के लिए ₹12 लाख तक चुका दिए इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि हरियाणा में भी खास नंबरों के शौकीन कीमत की परवाह कम करते हैं। सामान्यFancy numbers (जैसे कोई विशेष जन्मतिथि की संख्या) को भी लोग 20-50 हजार रुपये तक देकर खरीद लेते हैं।

Fancy Number UP

उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है और यहां वाहन पंजीकरण भी भारी संख्या में होते हैं। UP में fancy numbers की व्यवस्था slightly अलग है – कई जगह कुछ नंबरों को लेने के लिए फिक्स प्रीमियम फीस है, जबकि बहुत डिमांड होने पर बोली की जाती है। आम तौर पर UP fancy number के लिए 0001 का बेस प्राइस लगभग ₹50,000 से ₹1,00,000 के बीच होता है (भौगोलिक क्षेत्र और RTO श्रेणी के हिसाब से)।

अन्य पसंदीदा नंबर जैसे 0007, 0009, 0786, 1111, 9999 आदि के लिए ₹20,000 – ₹50,000 के आसपास आरंभिक फीस रखी गई है। अगर उसी नंबर के एक से ज्यादा आवेदक आ जाएं तो परिवहन विभाग ऑनलाइन नीलामी करवाता है, वरना एकल आवेदक को नियत फीस लेकर नंबर अलॉट कर दिया जाता है। यूपी के कुछ शहरों (जैसे लखनऊ, नोएडा) मेंVIP नंबरों की मांग बहुत ज्यादा है, इसलिए वहाँ 0001, 0007 जैसे नंबरों की बोली लगने पर कीमत लाखों में भी चली जाती है।

वहीं छोटे शहरों में कम डिमांड होने पर लोग मामूली फीस देकर भी अच्छा नंबर पा जाते हैं। कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश में VIP नंबर प्लेट की कीमत अन्य मेट्रो शहरों की तुलना में थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन लोकप्रियता में कमी नहीं है – लोग यहां भी 786, 1111, 9999 जैसे नंबर लेना शुभ मानते हैं।

नोट: उपरोक्त कीमतें समय के साथ बदल सकती हैं और ये सिर्फ आम रुझान बताने के लिए हैं। प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अपने स्थानीय नियमों के तहत शुल्क तय करता है। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र में पुणे आरटीओ ने वर्ष 2023-24 में fancy नंबरों से लगभग 50 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया और वहाँ ‘1’ नंबर के लिए 4 लाख की निर्धारित फीस से तीन गुना तक बोली लगाकर ~12 लाख रुपये तक चुकाए गए​। इसी तरह देशभर में 1, 9, 1111, 7777, 9999, 1212, 2121 जैसे कई नंबर सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं​। हर साल सरकार इन प्रीमियम नंबरों की नीलामी से अच्छी-खासी कमाई करती है और साथ ही वाहन मालिकों को उनकी मनचाही नंबर प्लेट मिलती है।

अकाउंट बनाना, भुगतान, 30 दिन में रजिस्ट्रेशन

आखिर में कुछ अतिरिक्त सुझाव और सावधानियाँ, जो VIP fancy number लेते समय काम आएंगी:

  • पहले से पोर्टल अकाउंट बना कर रखें: यदि आप निश्चित हैं कि आपको fancy number लेना है, तो बेहतर होगा कि खरीदारी या आवेदन से पहले Parivahan पोर्टल पर अपना अकाउंट बना लें और आवश्यक विवरण अपडेट रखें। कभी-कभी नीलामी की विंडो कम समय के लिए खुलती है; ऐसे में पहले से रजिस्टर रहना फायदेमंद होगा ताकि आप सीधे लॉगिन करके बोली में हिस्सा ले सकें।

  • समय पर भुगतान करें: चाहे प्रारंभिक बुकिंग शुल्क हो या नीलामी जीतने के बाद की बाकी राशि – भुगतान तय समय सीमा के भीतर ही करें। ऑनलाइन प्रणाली में भुगतान के बाद आपको रसीद/ट्रांज़ैक्शन आईडी मिलती है, उसे संभाल कर रखें। यदि पेमेंट में कोई दिक्कत आती है (जैसे नेट बैंकिंग फेल हो गई) तो तुरंत विकल्प के तौर पर डिमांड ड्राफ्ट/कैश इत्यादि (जो भी तरीका स्वीकार हो) तैयार रखें। याद रखें कि देरी होने पर आपका अधिकार खो सकता है, इसलिए फुर्ती से काम करें।

  • एक ही व्यक्ति से प्रक्रिया पूरी कराएं: अकाउंट बनाना, आवेदन भरना, पेमेंट करना आदि काम कोशिश करें कि आप स्वयं करें या अपने विश्वसनीय प्रतिनिधि (जैसे परिवार सदस्य) से कराएं। बहुत से लोग एजेंट्स के चक्कर में पड़ जाते हैं, लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया काफी सरल है और स्वयं करने पर पारदर्शिता रहती है। हाँ, अगर आपको किसी स्टेप में दिक्कत आए तो आप RTO सहायता ले सकते हैं।

  • 30 दिन में नंबर रजिस्टर कराएं: जैसे हमने पहले भी ज़िक्र किया, VIP नंबर बुक करने के बाद उसे वाहन पर चढ़ाने (अर्थात वाहन का रजिस्ट्रेशन उस नंबर के साथ करवाने) के लिए सीमित समय मिलता है। आमतौर पर यह 30 दिन है। इस अवधि के भीतर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना क्यों ज़रूरी है? क्योंकि अगर आप समय पर रजिस्ट्रेशन नहीं कराएंगे तो सरकार उस नंबर को दोबारा उपलब्ध करा देगी और आपने जो राशि भरी थी वह बेकार चली जाएगी (कई राज्यों में तो राशि जब्त भी हो जाती है।

  • सरकार ये कदम इसलिए उठाती है ताकि कोई नंबर अनिश्चित काल के लिए ब्लॉक न रहे। इसलिए जैसे ही आपको नंबर अलॉट हो, तुरंत अपने वाहन की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करें। यदि गाड़ी अभी तक नहीं खरीदी थी तो तेजी से खरीद लें और RTO में दस्तावेज़ सबमिट करें।

  • डॉक्युमेंटेशन में सावधानी: सभी फॉर्म, दस्तावेज़ अपलोड और सबमिशन ध्यान से करें। छोटे-छोटे विवरण (जैसे नाम की स्पेलिंग, पता, पिन कोड) ठीक भरें क्योंकि VIP नंबर के मामले में त्रुटि होने पर बाद में सुधार करवाना पेचीदा हो सकता है। ऑनलाइन फॉर्म भरते समय हर कदम के स्क्रीनशॉट या प्रिंटआउट रख लें।

  • नंबर प्लेट का फॉर्मैट: जब आपको VIP fancy number मिल जाए और वाहन रजिस्टर हो जाए, तब नंबर प्लेट बनवाते समय यह न भूलें कि भारत में नंबर प्लेट का निर्धारित फॉर्मैट होता है (जैसे सामने समुचित आकार के अंग्रेजी अक्षर/अंक, सफेद/पीली प्लेट पर काले अक्षर आदि). VIP नंबर मिलने का मतलब यह नहीं कि आप प्लेट पर कोई लोगो, क्राउन या अलग स्टाइल के फॉन्ट लगा सकते हैं – ऐसे करने पर चालान हो सकता है। नंबर प्लेट को कानूनन मान्य फॉर्मेट में ही बनवाएं।

इन सभी चरणों और टिप्स को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चिंत होकर अपना मनपसंद Fancy Number हासिल कर सकते हैं। प्रक्रिया पहली बार में थोड़ी लंबी जरूर लग सकती है, लेकिन सरकार ने इसे काफी पारदर्शी और ऑनलाइन कर दिया है जिससे आम आवेदक भी आसानी से हिस्सा ले सकते हैं।

अगर आपको कोई उलझन हो तो संबंधित राज्य के परिवहन विभाग की वेबसाइट पर मौजूद FAQs या हेल्पलाइन का सहारा लें। अंततः, जब आपकी गाड़ी पर आपकी पसंद का VIP नंबर जगमगाएगा, तो आपको गर्व महसूस होगा कि आपने सभी नियमों का पालन करके वैध तरीके से वह नंबर प्राप्त किया है। उम्मीद है यह मार्गदर्शिका आपके लिए उपयोगी साबित होगी – अब आप भी बेझिझक अपने लिए एक VIP fancy number plate लेने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं!

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