RTO Number Check: वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर और मालिक की जानकारी कैसे जाने

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डिजिटल युग में परिवहन सेवा काफी आसान हो गई है। और इस डिजिटल युग में वाहन चलाना केवल लाइसेंस और नंबर प्लेट तक की सीमित नहीं रहता बल्कि हर वाहन का एक RTO Number भी होता है। इस आरटीओ नंबर से वाहन की पहचान, राज्य/जिले की जानकारी, वाहन के मालिक की पहचान मिलती है। यह नंबर कानून और सुरक्षा के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण होता है। इस नंबर के माध्यम से आप वाहन खरीदने की तिथि, रजिस्ट्रेशन की तिथि, वाहन का बीमा और टैक्स का विवरण भी हासिल कर पाते हैं।

डिजिटल इंडिया की पहल की तरह अब RTO Number Check Online की सुविधा भी शुरू कर दी गई है। जी हां, अधिकांश राज्यों में अब  RTO Number Online Check करने की सुविधा को संचालित किया जा रहा है।

इस सुविधा के माध्यम से नागरिक आसानी से वाहन का संपूर्ण विवरण, बीमा स्थिति, फिटनेस सर्टिफिकेट, यहां तक की RTO Number Check से Owner name अर्थात गाड़ी के मालिक का नाम भी ढूंढ सकते हैं। उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति महाराष्ट्र में रहता है तो आसानी से उस व्यक्ति व्यक्ति का MH RTO नंबर चेक किया जा सकता है। इसी तरह उत्तर प्रदेश, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, उड़ीसा में भी RTO Online Number  चेक की सुविधा मौजूद है।

Online RTO Number Check सुविधा के उद्देश्य

  • RTO Number Online Check करने का सबसे बड़ा उद्देश्य यह है कि इसके लिए अब आपको रजिस्ट्रेशन ऑफिस जाने की जरूरत नहीं।
  • आप केवल वाहन का नंबर डालकर पूरा विवरण देख सकते हैं।
  • यह सुविधा विशेष रूप से वाहन खरीदते समय या वाहन बेचते समय या वाहन की प्रमाणिकता जांचने के लिए काफी जरूरी है।
  • इस विवरण से आप चोरी किए गए वाहनों की खरीद फरोख्त भी रोक सकते हैं और वाहनों के बाजार में होने वाली धोखाधड़ी से भी खुद को और अपनों को बचा सकते हैं।
  • आरटीओ नंबर चेक की सुविधा केवलदोपहिया (RTO Number Check Bike) के लिए नहीं बल्कि फोर व्हीलर( RTO Number Check Car) के लिए भी उपलब्ध है। 
  • यहां आप व्यक्तिगत वाहन हो या व्यावसायिक वाहन, bike RTO number  चेक करना हो या Car Rto number चेक करना हो सभी का विवरण आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। 

आइये सबसे पहले समझते हैं RTO Number Check क्या है और यह क्यों जरूरी है?

आरटीओ नंबर चेक मतलब किसी वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर के माध्यम से उस वाहन की पूरी जानकारी हासिल करना।  हर वाहन का एक रजिस्ट्रेशन नंबर होता है। यह रजिस्ट्रेशन नंबर बेहद यूनिक ( unique Vehicle Registration Number) होता है। इस यूनिक नंबर को रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस द्वारा जारी किया जाता है। यह नंबर वाहन की पहचान तो होता ही है साथ ही इस नंबर के माध्यम से वाहन के मालिक, वाहन का मॉडल,  बीमा, फिटनेस, टैक्स इंश्योरेंस जैसा विवरण भी प्राप्त किया जा सकता है।

RTO Number Online Check करने के फायदे

  •  RTO Number Online Check सुविधा के माध्यम से वाहन मालिक की जानकारी आसानी से प्राप्त की जा सकती है।
  •  इस नंबर के माध्यम से आप वाहन के बीमा और फिटनेस सर्टिफिकेट की भी पुष्टि कर सकते हैं।
  •  इस सुविधा का सबसे महत्वपूर्ण प्रयोग चोरी और फर्जी वाहनों की बिक्री को रोकने के लिए किया जा रहा है।
  •  आप वाहन खरीदने से पहले वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर के माध्यम से आरटीओ नंबर चेक कर सकते हैं जहां आपको उस वाहन की सारी नई/ पुरानी डिटेल मिल जाएगी और इस प्रकार आप अपने साथ होने वाली धोखाधड़ी से बच सकते हैं।

आइये अब जानते हैं RTO Number कैसे बनता है?

हर वाहन को RTO विभाग द्वारा एक नंबर दिया जाता है। इस नंबर को आरटीओ एक स्टैंडर्ड स् फॉरमैट में बनाता है। यह नंबर 4 हिस्सों में विभाजित किया जाता है। जैसे कि

स्टेट कोड:  जिसमें स्टेट के आधार पर कोड सेट किया जाता है। उदाहरण के लिए महाराष्ट्र के लिए MH, उत्तर प्रदेश के लिए UP, दिल्ली के लिए DL, कर्नाटक के लिए KL केरला के लिए KL इत्यादि।

RTO code:  इसके पश्चात आरटीओ कोड सेट किया जाता है। आरटीओ कोड शहर या जिले के कोड के आधार पर तैयार किया जाता है। जैसे दक्षिण मुंबई के लिए MH 01, गुजरात के राजकोट के लिए GJ 05, महाराष्ट्र के नागपुर के लिए MH 31, महाराष्ट्र के पुणे के लिए MH 12, उत्तर प्रदेश लखनऊ के लिए UP 32,  नॉर्थ दिल्ली के लिए DL 1C , कर्नाटक में बेंगलुरु सेंट्रल के लिए KA 01 इत्यादि।

सीरीज़ कोड:  इसके बाद सीरीज कोड जनरेट किया जाता है। सीरीज कोड में ABC…..इत्यादि अल्फाबेट का इस्तेमाल किया जाता है।

रनिंग नम्बर: उसके बाद आता है रनिंग नंबर, यह नंबर RTO द्वारा प्रदान किया गया यूनिक व्हीकल नंबर होता है। कई बार ग्राहकों को इस यूनिक नंबर को खरीदने की छूट भी दी जाती है। इस स्ट्रक्चर का प्रयोग कर ग्राहक RTO Number को आसानी से पोर्टल पर चेक कर सकता है और इस नंबर के माध्यम से राज्य शहर इत्यादि का विवरण भी जांच सकता है।

Online RTO Number Check से कौन-कौन सी जानकारी मिलती है?

Online Parivahan portal से Online RTO Number Check करने से निम्नलिखित जानकारी मिलती है

मालिक का नाम:  आरटीओ नंबर के माध्यम से वाहन के असली मालिक (owner details) का नाम पता चलता है। खास कर गाड़ी चोरी, रीसेल और फ्रॉड डिटेक्शन में यह काफी काम आता है।

गाड़ी का प्रकार : इस नंबर के माध्यम से आप गाड़ी के प्रकार भी पता कर सकते हैं जैसे की गाड़ी दोपहिया है / चारपहिया है?  कमर्शियल है/ पर्सनल है? इत्यादि इसे आरटीओ विभाग को काफी सहायता मिलती है।

गाड़ी का मैन्युफैक्चर और मॉडल: Online RTO platform पर नम्बर दर्ज कर ना केवल गाड़ी के मालिक या उसके प्रकार के बारे में पता किया जा सकता है बल्कि गाड़ी के मैन्युफैक्चरर जैसे की गाड़ी कौन से ब्रांड की है मारुति सुजुकी की है ,टाटा नेक्सन की है, हीरो स्प्लेंडर की है बजाज की है पता किया जा सकता है। साथ ही गाड़ी के मॉडल का भी विवरण हासिल किया जा सकता है। इस जानकारी से आप वेरीफाई कर सकते हैं कि यह नंबर बाइक या कार के असली मॉडल या ब्रांड से मेल खाता है या नहीं?

फ्यूल टाइप: RTO नंबर दर्ज करने के बाद आपको गाड़ी के प्रकार के साथ-साथ गाड़ी के फ्यूल टाइप का भी पता चलता है जैसे की गाड़ी पेट्रोल से चलती है? डीजल से? सीएनजी से EV से या हाइब्रिड मॉडल से?

Registration insurance or puc validation:  आरटीओ नंबर आपको गाड़ी की रजिस्ट्रेशन की जानकारी भी देता है। मतलब गाड़ी कितनी पुरानी है? ताकि रीसेल वैल्यू का पता किया जा सके। थर्ड पार्टी या कंप्रीहेंशन इंश्योरेंस का प्रकार, इंश्योरेंस कब किया गया, इसके एक्सपायरी कब होगी, गाड़ी का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट वैलिड है या नहीं? इसकी एक्सपायरी कब होगी?  कब अगला सर्टिफिकेट बनाया जाएगा इत्यादि। इसके साथ ही आपको यहां पर गाड़ी के फिटनेस सर्टिफिकेट की जानकारी भी मिलती है।

लोन हाइपोथैकेशन और ब्लैकलिस्ट विवरण:  यहां पर आपको गाड़ी के विवरण के साथ-साथ गाड़ी पर लिया गया लोन का भी पता चलता है। मतलब गाड़ी के लिए कितना लोन दिया गया था? किस बैंक से फाइनेंस किया गया था? कितना लोन चुकता हुआ है? कितना बाकी है इत्यादि? साथ ही गाड़ी से जुड़े सारे ट्रैफिक पुलिस रिकॉर्ड का लेखा-जोखा भी यहां होता है।

Online Rto Number Check कब करना चाहिए?

  • भारत के रोड ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा आरटीओ नंबर चेक करने की फैसिलिटी सोच समझकर तैयार की गई है। यह यूजर्स को रियल लाइफ वैल्यू प्रदान करता है। आमतौर पर अलग-अलग घटनाओं में आरटीओ नंबर चेक करना जरूरी हो जाता है जैसे की
  • पुरानी गाड़ी खरीदने से पहले: सेकंड हैंड गाड़ी खरीदने से पहले जरूरी है कि आरटीओ नंबर चेक कर ले। इससे आप गाड़ी के मालिक का नाम मैच कर पाते हैं, गाड़ी का इंश्योरेंस विवरण देख पाते हैं, गाड़ी के एक्सीडेंट केस हिस्ट्री वेरीफाई कर पाते हैं। और यह भी देख सकते हैं कि इस पर लिया गया लोन चुकता हुआ है या अभी पेंडिंग है।
  • रोड एक्सीडेंट के समय: कई बार सड़क दुर्घटना के दौरान केवल वाहन नंबर से ही मालिक की पूरी जानकारी निकाली जा सकती है। आरटीओ नंबर से ओनर डीटेल्स पता किया जा सकता है और उसे सही समय पर सही मदद प्रदान की जाती है। वहीं बीमा क्लेम के दौरान भी आरटीओ नंबर बहुत मददगार साबित होता है।
  • हिट ओर रन केसेस: कई बार सड़क दुर्घटनाओं में ऐसे हादसे हो जाते हैं जहां आप गाड़ी चलाने वाले का चेहरा नहीं देख पाते लेकिन गाड़ी नंबर नोट कर लेते हैं। और इस गाड़ी नंबर के माध्यम से ही गाड़ी के मालिक का मॉडल, मालिक का पता लगाया जा सकता है। यह आजकल काफी मददगार साबित हो रहा है। रास्तों पर लगे CCTV कैमरा गाड़ी के नंबर के माध्यम से वारदातों को अंजाम देने वाले लोगों का पता लगाया जाता है।
  • डिलीवरी एजेंट की वैधता के लिए: आमतौर पर आजकल जोमैटो, स्विग्गी, अमेजॉन जैसे डिलीवरी पार्टनर्स बढ़ते जा रहे हैं। इन कम्पनियों के पास काम करने के लिए डिलीवरी एजेंट के पास खुद की गाड़ी होनी जरूरी है। ऐसे में यह डिलीवरी पार्टनर एजेंट की गाड़ियों की वैधता चेक करते हैं जिससे ना कंपनी को नुकसान हो और ना ही ग्राहक को कोई झंझट हो।
  • वाहन खोजने में: आरटीओ नंबर के माध्यम से चोरी के वाहन की भी पहचान की जा सकती है। आम नागरिक से लेकर पुलिस तक हर कोई चोरी किए गए वाहन की पहचान इस आरटीओ नंबर से कर सकता है। क्योंकि यह सारी जानकारी पब्लिक डाटा के रूप में उपलब्ध कराई जाती है ऐसे में मालिक और गाड़ी को वेरीफाई करना अब काफी आसान हो चुका है।

Online RTO Number Check करने के प्रमुख तरीके

Parivahan.gov.in पोर्टल के माध्यम से 

  • Rto नंबर चेक करने के लिए आप भारत के सबसे बड़े आरटीओ डेटाबेस parivahan.gov.in पर जा सकते हैं। 
  • यहां जाकर सबसे पहले आपको वेबसाइट खोलना होगा।
  • वेबसाइट खोलने के बाद आपको मेनू में know your vehicle details के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
  • अब यहां आपको अपनी गाड़ी का नंबर दर्ज करना होगा।
  • नंबर दर्ज करने के बाद आपको कैप्चा कोड सत्यापित करना होगा।
  • कैप्चा कोड सत्यापित करते ही आपके सामने गाड़ी की सारी डिटेल आ जाती है।

mParivahan App के माध्यम से

  • आरटीओ नंबर चेक करने का काम अब आप app के माध्यम से भी पूरा कर सकते हैं।
  • इसके लिए सबसे पहले आपको प्ले स्टोर से इस ऐप को अपने मोबाइल में इंस्टॉल करना होगा।
  • ऐप इंस्टॉल करने के बाद यहां आपको वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
  • वेरिफिकेशन होने के बाद आपको जहां वह व्हीकल डीटेल्स के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
  • यहां क्लिक करते ही आप गाड़ी का नंबर दर्ज कर सकते हैं।
  • गाड़ी का नंबर दर्ज करते ही आपके सामने इसका संपूर्ण विवरण आ जाता है जो की आपकी खुद की मदद और अन्य लोगों की मदद के लिए बहुत काम आता है।

राज्यवार RTO पोर्टल्स

RTO नंबर चेक करने के लिए परिवहन विभाग ने हर राज्य के RTO के अलग-अलग पोर्टल तैयार किए हैं। हर राज्य को अलग पोर्टल दिए गए हैं। इससे आप राज्यवार पोर्टल पर जाकर उस राज्य की गाड़ी का विवरण भी जांच सकते हैं। जैसे कि आप

  • RTO Number Check Maharashtra
  • RTO Number Check Gujrat 
  • RTO Number Check Punjab
  • RTO Number Check karnatak
  • RTO Number Check Tamilnadu
  • RTO Number Check Odisha
  • RTO Number Check Mp
  • RTO Number Check Rajasthan 

यहां तक कि आप चाहें तो राज्य वेबसाइट पर जाकर शहर या जिले के आधार पर भी नम्बर चेक कर सकते हैं जैसे कि

  • Rajkot RTO Number Check
  • Pune RTO Number Check
  • Mumbai RTO Number Check
  • Jaipur RTO Number Check

राज्यवार पोर्टल पर जाकर RTO Number कैसे चेक करें?

  •  राज्यवार पोर्टल पर जाकर आरटीओ नंबर चेक करने के लिए सबसे पहले आपको उस राज्य की परिवहन विभाग की आरटीओ वेबसाइट पर जाना होगा।

RTO Number Check

  •  जैसे कि महाराष्ट्र के लिए  parivahan.gov.in
  •  इस पोर्टल पर जाने के बाद आपको व्हीकल रजिस्ट्रेशन नंबर डालना होगा।
  •  और नंबर डालते ही आपके सामने व्हीकल की डिटेल आ जाती है और गाड़ी के मालिक और उससे जुड़ी सारी जानकारी प्रदर्शित हो जाती है।
  •  इसी प्रकार कर्नाटक आरटीओ नंबर चेक करने के लिए आपको कर्नाटक ट्रांसपोर्ट पोर्टल पर जाकर व्हीकल नंबर दर्ज करना होगा।
  •  नंबर दर्ज करते ही आपके सामने उस गाड़ी के संपूर्ण विवरण आ जाता है।

 RTO Number Check करते समय भूलकर भी ना करें यह गलतियां 

  • RTO number check  करते समय हमेशा सही फॉर्मेट में नंबर डालें।
  • नंबर डालते वक्त स्पेस और अल्फाबेट्स का ध्यान रखें।
  • आरटीओ नंबर चेक करते समय कई बार 0 और O में कन्फ्यूजन होता है ऐसे में इसका भी हमेशा ध्यान रखें।
  • फर्जी एप्स या अनऑफिशल वेबसाइट का उपयोग बिलकुल न करें।
  • यहाँ मिली OTP भी किसी भी व्यक्ति से शेयर ना करें।

भविष्य में आरटीओ नंबर चेक सुविधा में क्या विस्तार होने वाला है?

  • भविष्य में आरटीओ नंबर चेक करने की सुविधा को डिजिटल रूप से और ज्यादा उन्नत बनाया जाएगा।
  • ब्लॉकचेन बेस्ड आरटीओ रिकॉर्ड रखे जाएंगे।
  • यहां फेक डॉक्यूमेंट की संभावना खत्म हो जाएगी।
  • QR बेस्ड स्मार्ट नंबर प्लेट लगाई जाएगी ताकि स्कैन करते ही ओनर की डेट मिल जाए ।
  • AI बेस्ड व्हीकल वेरिफिकेशन होंगे।
  • सीसीटीवी कैमरे खुद ही नंबरों की पहचान कर डिटेल निकालना शुरू कर देंगे ।
  • और ऑटोमेटिक चालान होगा मतलब गाड़ी के नंबर के आधार पर चालान इंसटैंटली घर पहुंच जाएगा।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर कार हो या बाइक पर्सनल गाड़ी हो या कमर्शियल सभी के लिए Online RTO number checkकरना अब बेहद आसान हो गया है। और यह सुविधा डिजिटल युग में वाहन मालिकों और आम नागरिकों को काफी लाभ भी दे रही है। वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर अब केवल उसका पहचान पत्र नहीं होता बल्कि वाहन की संपूर्ण जानकारी भी प्रदान कर रहा है।

यह जानकारी नई बाइक/ गाड़ी को खरीदने से लेकर पुरानी गाड़ी की प्रमाणिकता जांचने के लिए काफी काम आती है। राज्यवार पोर्टल्स और केंद्रीय परिवहन सेवा पोर्टल के माध्यम से अब हर राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आरटीओ नंबर चेक किये जा सकते हैं। हर पोर्टल पर बाइक और कार दोनों के लिए अलग-अलग चेक सुविधा उपलब्ध है। जहां चुटकियों में वाहन का विवरण मिल जाता है और आने वाले समय में सरकार इसे और ज्यादा उन्नत और बेहतर बनाने वाली है।

MPRTO  के बारे में
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