भारत में ड्राइविंग लाइसेंस केवल एक पहचान पत्र नहीं होता, बल्कि यह बताता है कि आप किस प्रकार के वाहन चलाने के योग्य है। जी हां, ड्राइविंग लाइसेंस जहां एक ओर आपको रास्तों पर गाड़ी चलाने का वैध प्रमाण पत्र प्रदान करता है। वही गाड़ी के प्रकार का भी वर्णन इसमें किया गया होता है। हर लाइसेंस पर कुछ विशेष कोड लिखे होते हैं और इसी के आधार पर यह समझ जा सकता है कि आप कौन सी गाड़ी चला रहे हैं। जी हां भारत की सड़कों पर कई प्रकार की गाड़ियां दिखती हैं। और, हर गाड़ी के लिए एक विशेष कोड (IMV Driving License) बनाया गया है।
जैसे कि MCWOG, MCWG, LMV, HMV, HPMV इत्यादि। हर कोड का एक विस्तृत अर्थ होता है जैसे कि MCWOG मतलब मोटरसाइकिल विदाउट गियर, MCWG मतलब मोटरसाइकिल विथ गियर, MC मतलब मोटरसाइकिल, LMV अर्थात लाइट मोटर व्हीकल, ऐसे ही HMV मतलब हेवी मोटर व्हीकल और एक होता है IMV मतलब Invalid Carriage Motor Vehicle.
Invalid Carriage Motor Vehicle कोड असल में शारीरिक रूप से चुनौतियां झेलने वाले लोगो के लिए तैयार किया गया है। यह कस्टमाइज गाड़ी चलाने वालों के लिए लागू माना जाता है। जी हां, यह असल में दिव्यांग लोगों के लिए तैयार की गई गाड़ियों का विशेष कोड है। दिव्यांग व्यक्ति जो मोडिफाइड वाहन चलाते हैं। उन्हें हाथ से चलने वाले कंट्रोल, एक्स्ट्रा सपोर्ट या आसान बैलेंस सिस्टम वाली गाड़ियां चलानी पड़ती है।
इसलिए इन वाहनों के लिए एक अलग सुरक्षित कैटेगरी तैयार की गई है जिसे Invalid Carriage Motor Vehicle की श्रेणी में डाला जाता है। इनवेलिड कैरिज मोटर व्हीकल श्रेणी के अंतर्गत केवल विशेष कस्टमाइज गाड़ियां ही चलाई जा सकती है। इस कैटेगरी में कोई और गाड़ी नहीं चलाई जा सकती।
- RTO Office: Click Here
- International Driving License: Click Here
IMV Driving License : दिव्यांगों के लिए विशेष वाहन चलाने का वैध दस्तावेज
बता दे कई लोग अक्सर इन श्रेणियां को समझ नहीं पाते और अक्सर सवाल करते हुए पाए जाते हैं कि क्या IMV से कार चलाई जा सकती है? क्या IMV और LMV एक जैसे होते हैं? क्या IMV का संबंध दोपहिया वाहनों से होता है? क्या कोई भी व्यक्ति IMV लाइसेंस ले सकता है? क्या IMV लाइसेंस पर MCWG लिखा हो सकता है? इत्यादि
ऐसे में भारत के परिवहन विभाग द्वारा इसको लेकर कई प्रकार के उत्तर जारी किए गए हैं। बता दे IMV एक विशिष्ट श्रेणी होती है जिसका मुख्य उद्देश्य ही दिव्यांग लोगों के लिए सुरक्षित वाहन तैयार करना और उन्हें वाहन चलाने की सुरक्षा उपलब्ध कराना है। IMV वाहन चलाने की परमिशन केवल दिव्यांग व्यक्तियों को दी जाती है। यदि दिव्यांगों के अलावा कोई अन्य व्यक्ति इस वाहन को चला रहा है तो उसके पास मेडिकल सर्टिफिकेट और ट्रैफिक नियमों के अनुसार योग्यता होनी जरूरी है। और आज हम आपको इसी का संपूर्ण विवरण देंगे। जहां हम बताएंगे कि आखिर IMV kya hai? और हम आपके सभी सवाल जैसे की IMV in driving license का पूरा ब्यौरा देंगे।
आइए सबसे पहले समझते हैं IMV की टेक्निकल डेफिनेशन क्या है?
IMV अर्थात Invalid Carriage Motor Vehicle यह ऐसे वाहनों की श्रेणी होती है जो केवल दिव्यांग व्यक्तियों के लिए बनाए जाते हैं।
- IMV meaning In English: Invalid Carriage Motor Vehicle
- IMV meaning in Hindi : ‘दिव्यांग जनों के लिए विशेष मोटर वाहन कहते हैं।’
- IMV meaning in Kannad: दिव्यांगगरिगे विशेषमोटर वाहन
- IMV meaning in marathi: दिव्यांग व्यक्तिकरिता विशेष मोटर वाहन
हमने अक्सर देखा होगा कि दिव्यांग व्यक्तियों की व्यक्तिगत बनावट अलग होती है। उन्हें विशेष सहारे और सपोर्ट की आवश्यकता होती है। दिव्यांग व्यक्ति वाहन को सामान्य लोगों की तरह कंट्रोल नहीं कर पाते। ऐसे में उनकी जरूरत के आधार पर इन वाहनों को डिजाइन किया जाता है। आमतौर पर दिव्यांग जनों की शारीरिक आवश्यकता के अनुसार IMV वाहन मॉडिफाई किए जाते हैं।
जैसे दृष्टिबाधित लोगों के लिए अलग से वाहन तैयार करना, जिन्हें पैरों की दिक्कत है उनके हाथों में पूरा कंट्रोल प्रदान करना, कुछ गाड़ियों में मोडिफाइड ब्रेक और एक्सीलेटर होते हैं, तो कुछ में अतिरिक्त सुरक्षा स्टेबिलिटी फीचर्स होते हैं। कुछ गाड़ियां तीन पहियों वाली, तो कुछ चार पहियों वाले छोटे वाहन होते हैं। और भारत के मोटर व्हीकल रूल्स के अनुसार इन्हें IMV व्हीकल की श्रेणी में रखा जाता है। मतलब IMV श्रेणी एक साधारण वाहन की कैटेगरी नहीं बल्कि एक विशेष प्रयोग वाला वाहन होता है।
IMV वाहनों के प्रकार
Types Of IMV vehicle को विभिन्न प्रकार में विभाजित किया जाता है;
मॉडिफाइड 3 व्हीलर फॉर डिसेबल्ड पर्सन : यह सबसे कॉमन प्रकार का वाहन होता है जिसमें साइड व्हील सपोर्ट, हैंड ऑपरेटेड ब्रेक, गियर फ्री मोडिफाइड इंजन, स्लो स्पीड लिमिट फॉर सेफ्टी
इलेक्ट्रिक हैंड ऑपरेटेड स्कूटर: इसे दिव्यांग स्कूटी भी कहा जाता है। यह विशेष रूप से चार चक्कों वाली गाड़ी होती है जिसमें पीछे दो चक्के स्टेबिलिटी के लिए दिए जाते हैं। इसमे स्लो स्पीड, इजी मैन्युअल और फुल हैंड कंट्रोल होता है।
पावर व्हीलचेयर: यह व्हीलचेयर की तरह ही होते हैं जो पूरी तरह से इलेक्ट्रिक या बैटरी से चलते हैं। जिनमें से कुछ को चार्ज करने की आवश्यकता रहती है तो कुछ गाड़ी की बैटरी से संचालित होते हैं। इनकी खासियत होती है जीरो नॉइस, ऑटो बैलेंस स्मॉल टर्निंग रेडियस।
ट्राईसाईकिल मोपेड फॉर डिसेबल्ड : दिव्यांगों के लिए मोडिफाइड मोपेड या स्कूटी जैसा वाहन होता है जो तीन चक्कों वाला होता है जिसमें सामने एक चक्का और पीछे दो चक्के होते हैं।
IMV Driving License की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
IMV सामान्य वाहनों से बहुत अलग होते हैं। इनमें विशेष प्रकार के कंट्रोल फीचर्स होते हैं। उनकी स्पीड लिमिट अलग होती है। उनके लिए विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है और इन गाड़ियों पर ट्रैफिक नियम भी अलग लागू होते हैं। इसीलिए IMV वाहनों को चलाने के लिए एक विशेष लाइसेंस की भी आवश्यकता होती है। हालांकि लाइसेंस की बनावट में कोई परिवर्तन नहीं होता।
केवल वाहन की कैटेगरी में IMV लिखा होता है। यदि सामान्य व्यक्ति बिना योग्यता के IMV लाइसेंस लेकर IMV गाड़ियां चलाता है तो दुर्घटना के जोखिम बढ़ जाते हैं और वाहन अस्थिर हो जाता है। इसीलिए IMV योग्यता वाले वाहन केवल IMV सर्टिफिकेट या मेडिकल कंडीशन वाले लोगों को ही चलाने का परामर्श दिया जाता है।
IMV Driving License लेने के लिए योग्यता
IMV लाइसेंस लेने के लिए परिवहन विभाग और मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत कुछ Eligibility for IMV License के नियम तैयार किए जाते हैं। इस लाइसेंस के लिए कुछ योग्यताएं जाती जाती है जैसे कि
- आवेदक शारीरिक रूप से दिव्यांग हो
- आवेदक के पास में दिव्यांग प्रमाण पत्र हो
- आवेदक की शारीरिक क्षमता के अनुसार उसका वहां मोडिफाइड हो
- और आवेदक को लाइसेंस देने से पहले RTO द्वारा डाइविंग टेस्ट लिया जाता है।
- और उसके कौशल के आधार पर यह लाइसेंस प्रदान किया जाता है।
IMV कोड से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण नियम
- यदि किसी व्यक्ति के लाइसेंस पर IMV के साथ MCWG अंकित हो तो इसका मतलब है कि वह व्यक्ति IMV वाहन भी चला सकता है और वह मोटरसाइकिल विद गियर भी चला सकता है। मतलब यह व्यक्ति सामान्य और विशेष प्रयोग दोनों प्रकार के वाहनों को चलाने के लिए प्रशिक्षित है।
- यदि किसी व्यक्ति की लाइसेंस पर IMV और MCWOG लिखा हो तो इसका मतलब है कि यह व्यक्ति स्कूटी और imv वाहन दोनों चला सकता है।
- इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति के लाइसेंस पर MCWG IMV LMV लिखा हो तो मतलब यह व्यक्ति कार, बाइक और दिव्यांग वाहन चलाने में प्रशिक्षित है।
- हालांकि कई सारे लोग यह सवाल पूछते हैं कि can I drive car with IMV?
- असल में कार केवल LMV से चलाई जा सकती है। LMV और IMV का कोई संबंध नहीं है। कार चलाने के लिए लाइट मोटर व्हीकल का लाइसेंस होना जरूरी है।
Motor Vehicle Act के अंतर्गत अन्य कोड और उनका विवरण
मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत IMV के अलावा कई प्रकार के वाहन का कोड जारी किया जाता है जिन्हें क्लास और व्हीकल कोड कहा जाता है।
जैसे कि
MCWOG : यह बिना गियर वाली दो पहिया गाड़ी के लिए होता है। जैसे की एक्टिवा, स्कूटी, मोपेड इन में गियर नहीं होता।
MCWG: यह मोटरसाइकिल विद गियर के लिए जारी किया जाता है। मतलब स्प्लेंडर, पल्सर, बुलेट।
MC: यह जेनेरिक मोटरसाइकिल के लिए जारी किया जाता है जो आमतौर पर गियर और विदाउट गियर वाली दोनों गाड़ियों के लिए एक वैध ड्राइविंग लाइसेंस माना जाता है।
LMV: LMV लाइट मोटर व्हीकल का कोड होता है जिसमें कार, जीप, वैन इत्यादि गाड़ी चलाई जा सकती है।
LMV NT: यह लाइट मोटर व्हीकल नॉन ट्रांसपोर्ट प्राइवेट कार्य/ पर्सनल कार्य वाली गाड़ियां जैसे कि आल्टो, स्विफ्ट, वैगनार इत्यादि चलाई जा सकती है।
परंतु कमर्शियल इस्तेमाल नहीं होना चाहिए ।
LMV TR: यह ट्रांसपोर्ट के लाइट मोटर व्हीकल के लिए होता है जिसमें कमर्शियल कार या टैक्सी, ओला, उबर चलाई जा सकती है।
HMV: हेवी मोटर व्हीकल के अंतर्गत ट्रक, बस ऐसी गाड़ियां जो 7500 किलोग्राम से ज्यादा हो चलाई जा सकती है।
HPMV: हैवी पैसेंजर मोटर व्हीकल यह बस या लग्जरी कोच या पैसेंजर हैवी व्हीकल चलाने के लिए जारी किया जाता है।
HGMV: हेवी गुड्स मोटर व्हीकल यह भारी ट्रैक कन्टेनर या ऐसी गाड़ियां जो सामान उठाने के काम आए उन्हें चलाने के लिए जारी किया जाता है।
MPV: यह मीडियम पैसेंजर व्हीकल या मिनी बस या स्कूल बस चलाने के लिए जारी किया जाता है।
इसके अलावा कई प्रकार की कंबाइंड कोड की गाड़ी जारी की जाती है जैसे कि
- MCWG+LMV
- MCWOG+LMV+NT
- MCWG+LMV+IMV
- LMV+TR+HMV
गलत कोड से गाड़ी चलाने पर क्या होता है?
- यदि भारत की सड़कों पर गलत कोड से व्यक्ति कोई गाड़ी चलाते पाया गया तो उस पर ₹5000 का जुर्माना लगाया जाता है।
- इसके अलावा उस व्यक्ति का इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट कर दिया जाता है।
- परिवहन विभाग उन पर लीगल एक्शन लेता है और लाइसेंस सस्पेंड भी किया जा सकता है।
IMV Driving License बनाने का कुल खर्च?
- IMV लाइसेंस बनाने के लिए राज्य RTO प्रक्रिया के हिसाब से अलग-अलग खर्चा आ सकता है। हालांकि औसतन खर्च एक जैसा होता है। जैसे कि लर्नर लाइसेंस की फीस 150 रुपए और टेस्ट भी ₹50, ऐसे में IMV LL PRICE: ₹200 के आसपास पड़ता है।
- परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस में ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट ₹300 और स्मार्ट कार्ड ₹200 मतलब परमानेंट मतलब IMV DL PRICE: 500 रुपए पड़ता है।
- यदि आपके पास पहले से ही कोई और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे कि MCWG या LMV है और अब आप इसमे IMV भी जोड़ना चाहते हैं तो इसमें 700 से ₹800 का खर्चा हो जाता है। इस लाइसेंस को बनाने के लिए आपको मेडिकल सर्टिफिकेट की जरूरत होती है जिसके लिए अलग से खर्चा लगता है।
IMV व्हीकल मोडिफिकेशन का खर्चा
IMV व्हीकल मोडिफिकेशन का खर्चा अलग से गठित किया जाता है।
- जैसे मोडिफाइड 3 व्हीलर: 7000 से 120000
- इलेक्ट्रिक IMV स्कूटर : 45000 से 90000
- हैंड कंट्रोल व्हीकल : 70000 से 150000
- हालांकि सरकार इन पर सब्सिडी देती है जिससे खर्च कम हो जाता है।
IMV लाइसेंस बनाने के लिए जरूरी दस्तावेज
IMV लाइसेंस बनाने के लिए निम्नलिखित Documents For IMV Driving license आवश्यक रूप से फार्म के साथ संलग्न करने पड़ते हैं जैसे कि
- आवेदक का आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- आयु प्रमाण पत्र
- डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट
- पासपोर्ट साइज फोटो
- यदि गाड़ी पहले से ही है तो IMV व्हीकल RC
- इसके अलावा मेडिकल सर्टिफिकेट
IMV लाइसेंस के लिए कैसे अप्लाई करें?
- IMV License apply करने के लिए सबसे पहले आवेदक को sarathi.parivahan.gov.in पर जाना होगा।
- इस आधिकारीक वेबसाइट पर अप्लाई फॉर ड्राइविंग लाइसेंस के विकल्प पर क्लिक कर अपने स्टेट का विकल्प चुनना होगा।
- स्टेट का विकल्प चुनते ही उन्हें स्टेट की आधिकारिक वेबसाइट पर रीडायरेक्ट किया जाता है।
- इसके बाद आवेदक को IMV कैटेगरी का चयन करना होगा ।
- IMV कैटेगरी का चयन करते हैं उनके सामने IMV ड्राइविंग लाइसेंस फॉर्म आ जाता है।
- आवेदक को पहले इस फॉर्म को सावधानी पूर्वक भरना होगा।
- इसके बाद जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे जैसे कि डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट, फोटो, डिजिटल सिग्नेचर ,एड्रेस प्रूफ, आयु प्रमाण पत्र इत्यादि।
- इसके बाद आवेदक को आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा ।
- आवेदन शुल्क का भुगतान करने के बाद आवेदक को IMV TEST RTO SLOT BOOKING बुक करना होगा।
- स्टॉल बुकिंग होने के बाद आवेदक को बताए गए तिथि और समय पर RTO में जाकर बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और व्हीकल इंस्पेक्शन करवाना होगा।
- इस दौरान उन्हें अपने साथ सारे ओरिजिनल दस्तावेज रखने होंगे ।
- इसके बाद आरटीओ अधिकारियों द्वारा आवेदक का ड्राइविंग टेस्ट लिया जाता है ड्राइविंग टेस्ट में अधिकारी IMV आवेदक की व्हीकल कंट्रोल, उसकी बैलेंस, उसका ब्रेक, हैंडलिंग ,ट्रैफिक सेंस इत्यादि का परीक्षण करते हैं।
- और सब कुछ सही रहा तो लाइसेंस अप्रूव कर दिया जाता है।
- टेस्ट पास करने की से 7 से 15 दिनों के भीतर ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर दिया जाता है।
- और स्मार्ट कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस पोस्ट विभाग द्वारा घर पर भेजा जाता है।
Conclusion
कुल मिलाकर IMV लाइसेंस दिव्यांग व्यक्तियों के लिए एक आत्मनिर्भरता का साधन है। IMV गाड़ियों पर सरकार सब्सिडी प्रदान करती है इसके अलावा कई एनजीओ और सोशल वेलफेयर सोसाइटी भी 50% से 90% तक की सब्सिडी IMV व्हीकल और IMV लाइसेंस पर प्रदान करते हैं। ताकि दिव्यांग व्यक्ति भी सशक्तिकरण की और बढ़ सके और वह आत्मनिर्भर हो सके। हालांकि अब IMV लाइसेंस की प्रक्रिया भी पूरी तरह से डिजिटल हो गई है और लाइसेंस बनाने का खर्चा भी अब काम कर दिया गया है।
यदि सही दस्तावेज और सही तरीके से आवेदन किया जाए तो 7 से 15 दिनों के भीतर IMV ड्राइविंग लाइसेंस मिल जाता है। IMV ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाले लोगों को RTO अधिकारी भी गाड़ी चलाने की विशेष ट्रेनिंग प्रदान करते हैं। और उनके लिए खास कर मोडिफाइड गाड़ियां तैयार की जाती है। ताकि उन पर वाहन चालक का बेहतर कंट्रोल हो सके। कुल मिलाकर यह सारी प्रक्रिया अब पहले से और बेहतर हो गई है और अब भारत के दिव्यांगजन भी आत्मनिर्भर और सशक्त बन रहे हैं।



